बीते कुछ वर्षों में जम्मू-कश्मीर ने धार्मिक कट्टरता और हिंसक उग्रवाद में काफी वृद्धि देखी है। आतंकी जमातों की स्थानीय भर्ती में तेजी आई है। खासतौर से कश्मीर घाटी में नौजवान आज सैन्य अभियानों को बाधित करने और राज्य-प्रशासन को चुनौती देने के लिए पहले से कहीं ज्यादा सक्रिय दिखाई देते हैं। थोड़े ही दिन हुए, जब पथराव करने वाली उन्मादी भीड़ ने मुठभेड़ स्थल से आतंकियों को भागने का...
More »SEARCH RESULT
लैंगिक असमानता के विरुद्ध- डा. अनुज लुगुन
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के आगरा में संजली नाम की एक लड़की को जलाकर मार देने की दहला देनेवाली घटना हुई. अपराधियों ने न केवल बेरहमी से लड़की को जलाकर मार डाला, बल्कि उनके परिवार वालों को फोन पर धमकी भी दी. अपराधियों को यह दुस्साहस कहां से आता है? आमतौर पर हम यह स्वीकार नहीं करते हैं कि इस तरह की घटनाओं के पीछे स्त्रियों के बारे में समाज...
More »ईशनिंदा को अब अलविदा!- सुभाष गताडे
इंडोनेशिया की चीनी मूल की बौद्ध महिला मैलाना (उम्र 44 साल) को बहुत कम लोग जानते होंगे. कुछ माह पहले ही वह इंडोनेशिया के अखबारों में सूर्खियों में रही, जब वहां के विवादास्पद ईशनिंदा कानून के तहत उसे दो माह की सजा सुनायी गयी. सुमात्रा द्वीप की रहनेवाली इस महिला का ‘जुर्म' इतना ही था कि उसने अपने स्थानीय मस्जिद से दी जा रही अजान की तेज आवाज के बारे...
More »ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2018: किसी फैसले पर पहुंचने से पहले इस न्यूज एलर्ट को जरुर पढ़ें
इतिहास अपने को दोहराता है- पहली बार त्रासदी और दूसरी दफे प्रहसन के रुप में. ग्लोबल हंगर इंडेक्स को लेकर मुख्यधारा की मीडिया में ऐसा ही वाकया पेश आया है. पिछले साल ग्लोबल हंगर इंडेक्स(जीएचआई) पर 119 देशों के बीच भारत 100 वें स्थान पर था. मुख्यधारा की मीडिया ने सुर्खी लगायी कि 2014 के मुकाबले भारत ग्लोबल हंगर इंडेक्स पर 45 स्थान नीचे खिसका है. मीडिया में यह भ्रम इतना फैला कि...
More »भारत में बढ़ी भुखमरी, ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 103वें पायदान पर
नई दिल्ली, प्रेट्र। ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत को 119 देशों में से 103वें पायदान पर रखा गया है। जर्मन संस्था वेल्टहंगरहिल्फ एंड कंसर्न वर्ल्डवाइड की ओर से जारी रिपोर्ट में भारत को उन 45 देशों की सूची में रखा गया है, जहां भुखमरी की स्थिति गंभीर है। 2017 की रिपोर्ट में भारत को 100वें पायदान पर रखा गया था। हालांकि ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल...
More »