भारत में जाति पर बहस राजनीतिक परिणामों की एक निर्धारक है। यह वर्ष 2019 के आम चुनाव सहित भारत में तमाम चुनावों की एक रोचक विशिष्टता है। यह ऐसी निर्धारक है कि मतदाताओं के बीच अति लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी चुनाव अभियान में अपनी जातिगत पहचान बतानी पड़ती है। उत्तर और केंद्रीय भारत की ज्यादातर क्षेत्रीय पार्टियों को किसी जाति या बिरादरी विशेष के लिए पहचाना जाता है।...
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बीते दस सालों में सात लाख करोड़ का क़र्ज़ बट्टे खाते में डाला गया, 80% मोदी सरकार में हुआ
नई दिल्ली: जहां एक तरफ सरकार करदाताओं के पैसों से बैंकों को पूंजी उपलब्ध करा रही है, वहीं दूसरी तरफ बैंक भारी मात्रा में लोन न लौटाने वालों के कर्ज को ठंडे बस्ते में डाल रहे हैं. आलम ये है कि बैंकों ने वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान दिसंबर 2018 तक में ही 1,56,702 करोड़ रुपये के बैड लोन को राइट ऑफ (बट्टा खाते में डालना) किया है. इस हिसाब से रिजर्व...
More »आमदनी की गांरटी : सरकार की इच्छाशक्ति से ही संभव, जानें क्या है न्यूनतम आय गारंटी योजना व यूबीआइ?
प्रो अरुण कुमार अर्थशास्त्री इस समय सारा देश गांधीजी की 150वीं जयंती वर्ष मना रहा है. गांधी ने कहा था कि अंतिम व्यक्ति की तरफ हमें ध्यान देना चाहिए. इस ऐतबार से यह एक उपयुक्त समय है राहुल गांधी के उस बयान के संदर्भ में कि अगर केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनेगी, तो वह गरीबों के लिए न्यूनतम आय गारंटी योजना लायेगी. यह एक दार्शनिक बात हो गयी कि कोई...
More »पर्यावरण की चिंता जरूरी-- जगदीश रत्तनानी
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) लगभग आधी सदी पुरानी संस्था है. यह खुद को सार्वजनिक-निजी सहयोग करनेवाले अंतरराष्ट्रीय संगठन के रूप में पेश करती है और वैश्विक आर्थिकी सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है. अपने सफर की शुरुआत में इस मंच ने विश्व की एक हजार प्रमुख कंपनियों के लिए सदस्यता की एक व्यवस्था बनायी थी. स्वाभाविक है कि इसने अपने सालों के सफर में भविष्य पर विचार करने के लिए महंगी...
More »बजट में हो ‘भारत’ पर नजर- निशिकांत दुबे
वर्ष 2019-20 का केंद्रीय बजट एक ऐसे वक्त में पेश होने जा रहा है, जब पूरा विश्व जटिल आर्थिक परिस्थितियों का शिकार है. विश्व की बड़ी औद्योगिक अर्थव्यवस्थाओं में अपस्फीति (डीफ्लेशन) की प्रवृत्ति एक ऐसा जोखिम बनकर उभरी है, जिसके प्रभाव से आगामी कई वर्षों के लिए वैश्विक विकास के अवरुद्ध हो जाने का खतरा मंडरा रहा है. वैसे, यह एक दूसरी बात है कि कच्चे तेल तथा अधिकांश जिंसों...
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