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झारखंड: कथित तौर पर भूख से एक बुज़ुर्ग की मौत

लातेहार: झारखंड के लातेहार जिले में कथित तौर पर भूख से एक बुजुर्ग की मौत हो जाने का मामला सामने आया है. परिवारवालों का आरोप है कि पिछले तीन दिनों से घर में अन्न का एक दाना नहीं था. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मृतक की पहचान 65 वर्षीय रामचरण मुंडा के रूप में हुई हैं. रामचरण की मौत बीते छह जून को कथित तौर पर भूख से हो गई. उन्हें...

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वैश्विक लैंगिक समानता सूचकांक में ख़राब रहा भारत का प्रदर्शन, 129 देशों में 95वें पायदान पर

नई दिल्ली: वैश्विक स्त्री-पुरुष समानता सूचकांक में भारत 129 देशों में से 95वें पायदान पर है. इस तरह से लैंगिक समानता सूचकांक की हालिया सूची में भारत घाना, रवांडा और भूटान जैसे देशों से भी पीछे है. अधिकतम 100 अंक में से सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के लैंगिक मापदंडों पर विभिन्न देशों के प्रदर्शन के मामले में भारत का स्कोर 56.2 रहा. बता दें कि यह सूचकांक गरीबी, स्वास्थ्य, शिक्षा, साक्षरता, राजनीतिक...

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राजस्थान के आदिवासी भील किसी भी दल की प्राथमिकता में क्यों नहीं हैं

चित्तौड़गढ़: खाट पर पड़े ढेरों फटे कपड़े, कुछ बर्तन, बुझा चूल्हा, पीपे में थोड़े से सूखे आटे के साथ रखी कुछ रोटी और लोहे के संदूक के अलावा इस खपरैल ओढे ‘घर' में कुछ नहीं है. चूल्हे के पास ही तीन महीने पहले एक बेटी को जन्म देने वाली गोपी भील (40) दर्द से कराह रही हैं क्योंकि उनका प्रसव घर पर ही हुआ और उसके बाद उनकी देखभाल एक जच्चा...

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केरल: दहेज के लिए तीन हफ्तों तक भूखा रखने की वजह से महिला की मौत

केरल: केरल में दहेज की मांग को लेकर एक 27 वर्षीय महिला को उसके ससुरालवालों ने इस कदर तड़पाया और भूखा रखा कि उसकी मौत हो गई. मौत के वक्त उस महिला का वजन महज 20 किलोग्राम था. मामला सामने आने के बाद लोगों के बीच आक्रोश उत्पन्न हो गया. एनडीटीवी के अनुसार, पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और पड़ोसियों के हवाले से कहा कि कोल्लम के नजदीक करुनागापल्ली निवासी तुषारा को...

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क्यों सरकारी योजनाओं के बावजूद झारखंड की आदिम जनजातियों को खाने की किल्लत से दो-चार होना पड़ता है- विवेक कुमार

झारखंड के लातेहार ज़िले के मनिका प्रखंड के सेवधरा गांव के अमरेश परहैया अपने परिवार के साथ में विभिन्न मूलभूत सुविधाओं से दूर अपना जीवन बिता रहे है. परिवार की आय का मुख्य स्रोत अकुशल मज़दूरी है. इनके पास खेती योग्य भूमि नही हैं. अमरेश को मुश्किल से एक महीने में 8 से 10 दिन ही 150 रुपये/प्रतिदिन की मज़दूरी दर पर काम मिल पाता है. अनाज की कमी और आर्थिक...

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