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नसबंदी कराने में पुरुष काफी पीछे

पटना: परिवार नियोजन के लिए महिला बंध्याकरण, तो पुरुष नसबंदी करा सकते हैं, लेकिन हमारे पुरुष प्रधान समाज में आज भी इसके लिए महिलाओं को ही आगे किया जाता है. 2012-13 की रिपोर्ट के अनुसार पूरे पटना जिले में महज 200 लोगों ने ही नसबंदी करायी है. वहीं महिलाओं में बंध्याकरण का यह आंकड़ा साढ़े 25 हजार के करीब है. राजधानी के ज्यादातर अस्पताल इसको लेकर सुस्त पड़े हुए हैं. राजेंद्रनगर अस्पताल की...

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घरेलू कामगार: अर्थव्यवस्था का अंधेरा कोना- जैनेन्द्र कुमार

राजधानी दिल्ली में बीते दिनों एक सांसद और उसकी पत्नी पर आरोप लगा कि उन्होंने अपने घरेलू कामगार को मौत के घाट उतार दिया है. यही नहीं, कुछ पिछड़े राज्यों से देश की राजधानी में आकर घरेलू कामकाज करनेवाली महिलाओं पर अत्याचार की कहानियों से तो हम आये दिन दो-चार हो रहे हैं. क्यों होती हैं ऐसी घटनाएं, देश में घरेलू कामगारों के लिए किस तरह का है माहौल, क्या...

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बिहार में फिर एक 'अँखफोड़वा कांड'- मनीष शांडिल्य

बिहार के सुपौल जिले के हांसा गांव में चोरी के आरोप में पकड़े गए एक युवक की आंखों में 'तेजाब' डाले जाने का मामला सामने आया है। ये घटना मंगलवार रात की है जिसमें रंजीत सादा नाम के युवक के साथ ये घटना पेश आई। घटना जिले के किसनपुर थाना अंतर्गत थरबिट्टा कोसी बांध क्षेत्र की है। प्राप्त सूचना के अनुसार मंगलवार रात चोरी के आरोप में पकड़े गए महादलित समुदाय के...

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लाख की खेती बदल रही है इन महिलाओं की ज़िंदग़ी- नीरज सिन्हा

गीता देवी ठेठ गंवई महिला हैं। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। कच्चा और खपरैल वाला मकान। खेती भी जीने लायक नहीं। लेकिन उन्होंने अपनी तंगहाली को दूर करने का रास्ता निकाला और लाह की खेती के गुर सीखे। स्थानीय भाषा में लाह कहा जाता है मगर प्रचलित भाषा में वह लाख है। कुछ दिनों तक फाका काटा, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। वह इसमें रमती चली गईं। नतीजा सामने था।...

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लाख की खेती बदल रही है इन महिलाओं की ज़िंदग़ी- नीरज सिन्हा

गीता देवी ठेठ गंवई महिला हैं। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। कच्चा और खपरैल वाला मकान। खेती भी जीने लायक नहीं। लेकिन उन्होंने अपनी तंगहाली को दूर करने का रास्ता निकाला और लाह की खेती के गुर सीखे। स्थानीय भाषा में लाह कहा जाता है मगर प्रचलित भाषा में वह लाख है। कुछ दिनों तक फाका काटा, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। वह इसमें रमती चली गईं। नतीजा सामने था।...

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