गोवा फाऊंडेशन और इन्क्लूसिव मीडिया फॉर चेंज के सहयोग से सीएसडीएस का पब्लिक्स एंड पॉलिसिज् प्रोग्राम खनन और जीविका से संबंधित एक विचार-विमर्श “ परमानेंट फंड मॉडेल फॉर ईथीकल माइनिंग: लैंड, लाइवलीहुड एंड इन्टरजेनरेशनल इक्विटी” शीर्षक से आयोजित कर रहा है। यह विचार-विमर्श भू-संपदा पर भावी पीढियों के हक के मसले के इर्द-गिर्द होगा। विचार-विमर्श की शुरुआत 18 फरवरी के दिन इंडिया इन्टरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में एक दिन के...
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रोजगार-सुरक्षा से आएंगे महिलाओं के अच्छे दिन
अपने चुनावी अभियान में मोदी सरकार ने महिलाओं में ‘सुरक्षित दिनों' की खूब उम्मीदें जगाई थीं, लेकिन पिछले बजट में इसे लेकर कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई। उम्मीद की जा रही है कि सरकार इस बजट में महिला सुरक्षा को लेकर बड़े ऐलान कर सकती है। महिलाओं के लिए शिक्षा और रोजगार में नए अवसर पैदा करने वाली योजनाएं भी लाई जा सकती हैं। पांच बड़े वादे संविधान संशोधन के जरिए...
More »लूट का अध्यादेश- के सी त्यागी
बाईस दिसंबर को संसद का सत्र समाप्त होने के तुरंत बाद सरकार द्वारा जारी अध्यादेश से जहां बिल्डर समुदाय और कॉरपोरेट घराने गदगद हैं वहीं दूसरी ओर किसान फिर पुरानी शंकाओं से भयभीत हैं। वित्तमंत्री अरुण जेटली कुशल अधिवक्ता हैं, वे अपनी सरकार द्वारा किए गए इन बदलावों को बड़ी चतुराई से शब्दों का ताना-बाना बुन कर किसानों के हित में बताने का विफल प्रयास कर रहे हैं। पर शायद...
More »बच्चों को लिखना-पढ़ना नहीं आया - योगेन्द्र यादव
पिछले महीने वंचित तबके के बच्चों के बीच काम करनेवाले एक संगठन ने न्योता भेजा कि आपको शिक्षा के मुद्दे पर आयोजित हमारे एक संवाद में बोलना है. बीजेपी और कांग्रेस के प्रतिनिधि भी आमंत्रित थे. विषय था- ‘2030 में शिक्षा का भविष्य'. संचालन की भूमिका एक जाने-पहचाने टीवी एंकर ने संभाल रखी थी. शुरुआत ही में एंकर ने हम तीनों में झगड़ा करवाने की कोशिश की. मैंने इस खेल में...
More »बीमा विदेशीकरण की बेचैनी क्यों- अरविन्द मोहन
संसद का सत्र खत्म होते ही कई मामलों में अध्यादेश लाना केंद्र सरकार की बेचैनी को तो बताता ही है, हम सबसे इस बात की मांग भी करता है कि हम जानें कि हमारी सरकार किन सवालों पर इतना बेचैन होकर काम कर रही है। हमने देखा है कि देश भर में धर्म के नाम पर संघ परिवार से जुड़े लोगों और संगठनों ने जिस तरह से हंगामा मचाना शुरूकिया...
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