यदि किसानों के पास अपना बीज न हो या मुक्त परागण किस्मों तक उनकी पहुंच न हों, जिसे वे सुरक्षित रख सकें या जिसका वे विनिमय कर सकें, तो उनके पास बीज संप्रभुता नहीं होगी। नतीजतन उनके पास खाद्य संप्रभुता भी नहीं होगी। गहराते कृषि एवं खाद्य संकट की जड़ें बीज आपूर्ति प्रणाली में हो रहे बदलाव और बीज विविधता व बीज संप्रभुता के क्षरण में निहित है। क्योंकि खाद्य...
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पोंटी के प्यार में यूपी सरकार- जयप्रकाश त्रिपाठी की रिपोर्ट
शराब कारोबारी पोंटी चड्ढा की गाजियाबाद स्थित परियोजना वेव सिटी अपनी शुरुआत से ही नियम-कायदों की भयानक अनदेखी और किसानों के दमन का उदाहरण रही है.जयप्रकाश त्रिपाठी की रिपोर्ट बताती है कि किस तरह उत्तर प्रदेश में अलग-अलग समय पर रही सरकारों ने इस परियोजना के प्रति खास दरियादिली दिखाई किस्तों में कत्ल हुआ मेरा, कभी खंजर बदल गए, कभी कातिल बदल गए... कुछ ऐसी ही पीड़ा है गाजियाबाद से सटे नायफल...
More »प्याज की खेती के लिए नये हल की की ईजाद
शेखपुरा : प्याज की खेती के लिए मजदूरों की कमी से जूझ रहे किसानों को जल्द ही राहत मिल जायेगी. एकसारी गांव निवासी शशिभूषण ने एक ऐसे हल की ईजाद की है, जो प्याज की खेती के लिए क्यारी बनाने में किसानों को राहत पहुंचा रहा है. लंबी अवधि और ज्यादा मजदूरी भुगतान कर क्यारी बनवाने को विवश किसान इस नये हल का लाभ उठा कर सस्ते दर पर कम...
More »प्याज की खेती के लिए नये हल की ईजाद
शेखपुरा : प्याज की खेती के लिए मजदूरों की कमी से जूझ रहे किसानों को जल्द ही राहत मिल जायेगी. एकसारी गांव निवासी शशिभूषण ने एक ऐसे हल की ईजाद की है, जो प्याज की खेती के लिए क्यारी बनाने में किसानों को राहत पहुंचा रहा है. लंबी अवधि और ज्यादा मजदूरी भुगतान कर क्यारी बनवाने को विवश किसान इस नये हल का लाभ उठा कर सस्ते दर पर कम...
More »पत्थर पर दूध और धान- सहकारिता और नई तकनीक का कमाल
पश्चिमी घाट कहलाने वाली सह्याद्रि पर्वतऋखंला के इलाके में एक गांव है खंबोली। और इस गांव के एक किसान विश्वनाथ की धनखेतियां सुनहली धूप में सोने की तरह चमचमा रही हैं। धनखेतियों के चारो तरफ अमराई है, अमराइयों से ठंढी बयार बहती है, धनखेतियों को आकर दुलार देती है। यों तो भारत के ज्यादातर किसानों की खेती सिंचाई के लिए बारिश के पानी पर निर्भर है लेकिन इसके उलट विश्वनाथ ने धान...
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