जनसत्ता 3 अप्रैल, 2013: ‘अल्लाह, सूरीया, बशारू बस।’ सीरिया की पश्चिमी सरहद पर अलकतीना झील के किनारे बसे शहर हम्स में झूमते युवा अलकोर्निश मार्ग पर यही गा रहे थे। एक लय में उठते इस नारे को मैं अपने सीमित अरबी भाषा के ज्ञान के आधार पर समझ सकता था। वे कह रहे थे कि ‘हमारे लिए अल्लाह, सीरिया देश और हमारा नेता बशर अल असद काफी है’। इसी सड़क पर बने...
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भगवान भरोसे विज्ञानी बाबू - ।।रजनीश उपाध्याय।।
दुनिया के दो महान व्यक्तित्व. दोनों तेज दिमाग के. अति प्रतिभावान. ग्रेट साइंटिस्ट. लगभग समकालीन भी. एक ने भारत के छोटे से गांव में जन्म लिया. नाम - वशिष्ठ नारायण सिंह. अभावों के बीच अपनी मेधा के बल पर राह बनायी और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया तक पहुंचे. दूसरे ने भी अपनी मेधा का लोहा मनवाया और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में शोध किया. नाम - स्टीफन विलियम हॉकिंग. दोनों गणित में पारंगत. वशिष्ठ...
More »कब आएगा भाषाई स्वराज- गिरिराज किशोर
जनसत्ता 22 मार्च, 2013: भाषा के प्रश्न को राजनीति के पुरोधाओं ने इस देश का रिसता नासूर बना दिया। संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा संबंधी नियमावली में संशोधन ने उस नासूर में फिर नश्तर लगा दिया। गांधीजी जानते थे कि भाषा का सवाल इस मुल्क की दुखती रग हमेशा बना रहेगा। शायद इसीलिए उन्होंने 1909 में ‘हिंद स्वराज\' में अपने स्वभाव के बरखिलाफ सख्त चेतावनी दी थी कि...
More »तमाम ख्वाहिशों पर भारी बच्चों का स्कूली खर्च
नयी दिल्ली: दिल्ली की गौरी ने अपने घरेलू बजट में कटौती करके अपनी बच्ची के स्कूल प्रोजेक्ट का महंगा सामान खरीदा, पटना की अंजू को अपने दो बच्चों को स्कूल भेजने पर आने वाले खर्च की चिंता सता रही है, चंडीगढ़ के कौशलेद्र आठवीं और दसवीं में पढ़ने वाले बच्चों को ट्यूशन फीस के लिए अपनी कमाई बढ़ाने की जुगत में हैं. देश के तमाम अभिभावक अपने बच्चों की पढ़ाई पर आने वाले...
More »सब्जी बेचकर कैसे करोड़पति बन गए आइआइएम के छात्र
अहमदाबाद। यह सुनने में अजीब लगता है कि देश के एक शीर्ष मैनेजमेंट संस्थान से दो एमबीए डिग्रीधारक आज की तारीख में सब्जी बेचते हैं। लेकिन जब आप उनकी कमाई में बारे में जानेंगे तो चौंक भी जाएंगे। आज इन सब्जी बेचने वालों में से एक युवा की एक दिन की कमाई कई करोड़ रुपये तक हो गई है। देश के शीर्ष मैनेजमेंट संस्थान आइआइएम अहमदाबाद से 2007 में एमबीए की डिग्री...
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