अपराध संवाददाता, मुजफ्फरपुर : भूमि पर अवैध कब्जे के लिए बदनाम इस जिले में भू-माफियाओं से पुलिस के मधुर रिश्तों की कहानी किसी से छिपी नहीं है। आधा दर्जन पुलिसवालों पर सवाल उठ चुके हैं। इनमें कई दंडित भी हो चुके हैं, लेकिन उनके रिश्ते अब भी बरकरार हैं। इनका भू-माफियाओं के घर न सिर्फ आना-जाना लगा रहता है बल्कि कई पुलिसकर्मी तो जमीन के धंधे में भी हाथ साफ करने लगे हैं। हाल...
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अब यूपी से अवैध खनन कर आ रही है रेती
फरीदाबाद. सिपाही को कुचलने की घटना के बाद पुलिस के कड़े तेवर देख अब रेती माफियाओं ने यूपी की ओर रुख किया है।जिले में यमुना बेल्ट पर पुलिस की कड़ी निगरानी के चलते अब यूपी से ही रेती से भरे डंपर शहर में सप्लाई के लिए आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला मंगलवार को सामने आया। सेक्टर-46 पुलिस ने सूरजकुंड रोड पर सिद्ध दाता आश्रम के पास रेती से भरे...
More »HIV+ लड़की के मुंह से आ रहा खून, पर नहीं मिल रहा इलाज
रोहतक. हाईकोर्ट के सख्त आदेशों के बावजूद 'अपना घर' की बीमार व लाचार लड़कियों को पीजीआई प्रशासन उपचार के नाम पर केवल तारीख पर तारीख दे रहा है। सोमवार को भिवानी से रोहतक लाई गई लड़कियों को एक बार फिर जांच के बाद वापस भिवानी भेज दिया गया। तर्क दिया कि अब पुलिस ही लड़कियों को लेकर आए, तभी उपचार शुरू होगा। इससे पहले सोमवार सुबह करीब नौ बजे एचआईवी पीड़ित व...
More »कड़वे बादाम : दिल्ली के बादाम उद्योग में मज़दूरों का शोषण
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दूर-दराज़ कोने में बसी हुई, शोर-ग़ुल और चहल-पहल भरी करावलनगर की बस्ती, अनौपचारिक क्षेत्र के उद्यमों का एक उभरता हुआ केन्द्र है, जहाँ बड़ी संख्या में प्रवासी मज़दूर और उनके परिवारों को रोज़गार मिलता है। ये उद्यम किसी भी मानक से छोटे नहीं है। वैश्विक सम्बन्धों की जटिल श्रृंखला में बँधे ये उद्यम, सालभर चालू रहते हैं और हज़ारों मज़दूरों के रोज़गार का स्रोत हैं। कई करोड़...
More »करावलनगर की वॉकर फ़ैक्ट्रियों में मज़दूरों के हालात
उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में करावलनगर के औद्योगिक इलाके और उससे लगे क्षेत्र में वॉकर (छोटे बच्चों को चलने में मदद करने वाली साइकिल) और पालना बनाने वाली 14-15 छोटी-छोटी फ़ैक्ट्रियाँ हैं। ज़्यादातर फ़ैक्ट्रियों में 10-15 मज़दूर और कुछ में 30-40 मज़दूर काम करते हैं। ज़्यादातर फ़ैक्ट्रियाँ दलित बस्ती में हैं, कुछ करावलनगर गाँव, पंचाल विहार और दयालपुर में स्थित हैं। इनमें काम करने वाले ज़्यादातर मज़दूर झारखण्ड, बिहार और उत्तर प्रदेश से आये प्रवासी...
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