गुना। ध्रुव झा। जिले का एक गांव ऐसा भी है, जहां पक्का मकान तो दूर घरों में शौचालय तक नहीं हैं। यहां के कई जमीदार परिवार लखपति हैं। घरों में चार पहिया वाहन, एलईडी, फ्रिज, कूलर और बाइक हैं, लेकिन गांव के लोग संपन्न् होने के बाद भी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। इसकी वजह भी बड़ी अजीबोगरीब है। दरअसल, यहां के लोग अंधविश्वास की वजह से घरों...
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बंधक मजदूर होंगे मुक्त, सीमांध्र गई सरकारी टीम
भोपाल /पटनम, ब्यूरो। भटपल्ली के दो नाबालिगों समेत पंद्रह लोगों को सीमांध्र ले जाकर जबरिया काम कराए जाने के मामले में जिला प्रशासन ने फौरन हरकत में आते उन्हें मुक्त कराने एक टीम सीमांध्र भेज दी है। इधर स्थानीय कोतवाली ने दो महिलाओं सहित चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। इनकी गिरफ्तारी जल्द से जल्द की जाएगी। 'नईदुनिया" में इस खबर के प्रकाशन के बाद कलेक्टर डॉ अय्याज...
More »महिला सशक्तिकरण की नई इबारत लिखेंगे बैंक
बैंकों के जरिये "राजनीति" करना कोई मोदी सरकार से सीखे। पहले हर घर में एक बैंक खाता और उसके बाद छोटे उद्यमियों को कर्ज देने की स्कीम लागू करने के बाद बैंकों के माध्यम से सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए एक बड़ी मुहिम शुरू करने जा रही है। देश में महिला उद्यमियों की संख्या काफी कम होने और देश के कुल कर्जदारों में महिलाओं की बेहद कम संख्या को देखते...
More »बुजुर्गों का गांव बना गुजरात का चांदणकी, यहां नहीं रहते नौजवान
अहमदाबाद। आजादी के इतने सालों बाद भी पलायन देश की एक बड़ी समस्या है। रोजगार की तलाश में करोड़ों युवा शहरों का रुख करते हैं। गुजरात के सुदूर इलाकों में ऐसे कई गांव हैं, जहां युवाओं की संख्या नगण्य है। आइए आपको गुजरात के ऐसे गांव के बारे में बताते है, जहां नौजवान ही नहीं रहते। गुजरात के मेहसाणा जिले की बेचराजी तहसील में स्थित चांदणकी गांव जहां अब केवल...
More »बेटी ने बाहर नौकरी की, उप सरपंच का परिवार समाज से बहिष्कृत
देवेंद्र अग्रवाल। निवास (मंडला) ब्यूरो। आदिवासी समाज में शिक्षा का उजाला आर्थिक स्थिति को तो मजबूत बना रहा है लेकिन अंधविश्वास और रूढ़िवादी मान्यताएं अब भी जड़ से समाप्त नहीं की जा सकी हैं। इसका उदाहरण मंडला जिले की निवासी तहसील का अमदरी गांव है। जहां एक आदिवासी परिवार की पढ़ी-लिखी बेटी ने जब गांव से बाहर निकल कर अपना भविष्य संवारने की कोशिश की तो समाज ने पूरे परिवार...
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