तमिलनाडु के एक पिछड़े ज़िले इरोड के ज़िलाधीश यानी कलेक्टर डॉ आर आनंदकुमार ने अपनी छह साल की बेटी को एक सरकारी स्कूल में भर्ती करवाया है. जब वे इस स्कूल में अपनी बच्ची के दाखिले के लिए पहुँचे तो दूसरे माँ-बाप की तरह कतार में खड़े हुए. दिल्ली के एक अख़बार में इस ख़बर का प्रकाशित होना ही साबित करता है कि यह कुछ असामान्य सी बात है. यक़ीनन ज़िलाधीश को उनके...
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गृहश्रमिकों को मान्यता
संतोष की बात है कि आखिरकार दुनिया ने घरों में काम करने वाले कामगारों की फिक्र की है। यह भी प्रशंसनीय है कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के 100वें अधिवेशन में ऐसे कामगारों के हक में हुई संधि का समर्थन किया। अब यह अपेक्षा स्वाभाविक है कि भारत सरकार जल्द इस संधि का अनुमोदन करे और इसे लागू करने के लिए जरूरी कानूनी प्रावधान करे। यह दुखद है कि संपन्न...
More »मनरेगा श्रमिकों को मजदूरी न मिलने से रोष
सुंदरगढ़: टांगरपाली ब्लाक के अन्तर्गत विभिन्न गांवों में महात्मा गांधी निश्चित ग्रामीण रोजगार योजना, मनरेगा में नियोजित ग्रामीणों को सही वक्त पर मजदूरी न मिलने से उनमें रोष देखा जा रहा है। इसके प्रति ब्लाक प्रबंधन की ओर से भी ध्यान न देना आश्चर्य का विषय बना हुआ है। टांगरपाली ब्लाक के अन्तर्गत महुलपाली, तसलाडीही, रेमणा, उज्जवलपुर तथा टांगरपाली पंचायत में मनरेगा योजना के तहत विभिन्न विकास परियोजनाओं का काम हुआ...
More »सरेआम बेच डाला सरकारी राशन
हमीरपुर। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशनकार्डो पर सब्सिडाइज्ड रेट्स पर मिलने वाला राशन सरेआम दुकानदारों को बेचा जा रहा है। भास्कर ने बुधवार को एक डिपो से भेजे गए राशन की गाड़ी का पीछा किया। इस राशन को बजूरी स्थित एक दुकान पर उतारा गया। इसी दौरान पुलिस को भी सूत्रों से सूचना मिल गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दबिश दी और सारा राशन कब्जे में ले लिया। जिस थ्री व्हीलर...
More »बदल रहे हैं, गांव, देहात और जंगल- हरिवंश
फ़रवरी 2008 में चतरा के नक्सल दृष्टि से सुपर सेंसिटिव गांवों में जाना हुआ. साथ के मित्रों के भय और आशंका के बीच, देर शाम तक घूमना हुआ. सूनी सड़कों पर मरघट की खामोशी के बीच. तब तक लिखा यह अनुभव भी छपा नहीं. पाठक पढ़ते समय ध्यान रखें यह फ़रवरी 2008 में लिखी गयी रपट है. कभी डालटनगंज-चतरा के इन इलाकों में खूब घूमना हुआ. समाजवादी चिंतक, अब बौद्ध अध्येता व...
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