SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1674

पूंजी के प्रतीकों पर प्रश्नचिह्न् : केविन रैफर्टी

जरूरत है.. जरूरत है.. जरूरत है.. 60 करोड़ नए जॉब्स की जरूरत है। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन (आईएलओ) की जनवरी 2012 की रिपोर्ट की यह हैडलाइन पूरी दुनिया के लिए एक चेतावनी की तरह है। रिपोर्ट कहती है कि अगले एक दशक में 60 करोड़ नए उत्पादक जॉब सृजित करने की आसन्न चुनौती का सामना करने के लिए दुनिया को अब कमर कस लेनी चाहिए। प्रेस और बीबीसी ने इस...

More »

गुजरात में बाल अधिकार की ‘खराब स्थिति’ पर जन सुनवाई करेगा एनसीपीसीआर

नई दिल्ली, 9 जनवरी (एजेंसी)। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर)गुजरात में बाल अधिकार की कथित खराब स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए राज्य में इस महीने के आखिर में जन सुनवाई करने जा रहा है। एनसीपीसीआर का कहना है कि गुजरात में बीटी कॉटन के खेतों में बड़ी संख्या में बाल श्रमिक काम कर रहे हैं और दूसरे राज्यों में भी बाल श्रमिकों का पलायन हो रहा है, लेकिन राज्य...

More »

मुखियाओं की आय होगी ऑनलाइन

पटना : सूबे में मंत्रियों, विधायकों, सरकारी अधिकारियों व कर्मियों के बाद अब पंचायत प्रतिनिधियों की जानकारियां भी ऑनलाइन होंगी. इनमें उनके निर्वाचन क्षेत्र, शैक्षणिक योग्यता, जाति, परिवार के सदस्यों की संख्या, उम्र, सालाना आय आदि शामिल होगी. राज्य निर्वाचन आयोग इसकी तैयारी में जुट गया है. आयोग ने इसके लिए एक फॉर्मेट तैयार कर जिलों से इसमें पंचायत प्रतिनिधियों के बारे में जानकारी मांगी है. ...

More »

खाद्य सुरक्षा की खातिर - सुभाष वर्मा

जनसत्ता 5 जनवरी, 2012: पूरी दुनिया में एक सौ पचीस करोड़ से अधिक लोग भूख से त्रस्त हैं, जिनमें से एक तिहाई लोग भारत के गरीब हैं। नवीनतम वैश्विक भूख सूचकांक में भारत का स्थान बहुत नीचे, इक्यासी देशों के बीच सड़सठवां है। इसलिए यह स्वागत-योग्य है कि भारत सरकार ने खाद्य सुरक्षा की गारंटी देने वाला विधेयक संसद में पेश किया है। इस विधेयक में ग्रामीण इलाकों की पचहत्तर फीसद और...

More »

सरकारी में है इतनी अधिक सुविधाएं, फिर भी प्राइवेट की है चांदी : हरी कुमार।

भोपाल। वर्तमान समय में भारतीय अभिभावकों की यह मानसिकता बन चुकी है कि पढ़ाई तो सिर्फ निजी स्कूलों में ही होती है, सरकारी स्कूल में बच्चों को भेजना, जैसे समय बर्बादी हो। इस मानसिकता का असर यह हो रहा है कि सरकारी स्कूलों में दाखिले के लिए सरकार द्वारा आजमाए जा रहे तमाम उपाय फेल हो रहे हैं। चाहे गरीब हों या अमीर, सभी अपने बच्चों को निजी स्कूलों में ही भेजना चाहते...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close