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अस्पताल डाक्टरों की कमी से खुद पड़े हैं बीमार

पिथौरागढ़। सरकार के तमाम दावों के बावजूद जनपद की स्वास्थ्य सुविधाओं में कोई सुधार नहीं हो पाया है। यहां पर चिकित्सकों की भारी कमी के चलते अधिकांश मामलों में खुद बीमार पड़े प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर जिला चिकित्सालय तक महज रेफर सेंटर साबित हो रहे हैं। वर्ष 2006 में स्वीकृत हुये बेस अस्पताल का मामला अभी भी अधर में है। बेस चिकित्सालय के राजनीति की भेंट चढ़ जाने से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने की उम्मीद...

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प्रत्येक पंचायत समिति में विकसित होंगी दो नर्सरी

जयपुर, जागरण संवाद केंद्र : ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री भरत सिंह ने हरित राजस्थान योजना के तहत लगाये जाने वाले एक-एक पौधे की उचित संरक्षा करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रत्येक पंचायत समिति की दो-दो ग्राम पंचायतों में वन विभाग द्वारा नर्सरी विकसित कर प्रदेश को हरा-भरा बनाने की दिशा में योगदान दिया जाएगा। गुरुवार को यहां शासन सचिवालय स्थित अपने कक्ष में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार...

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प्राथमिक स्कूल में हों पांच स्थायी शिक्षक : यशवंत

गगरेट : हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ का राज्यस्तरीय 24वां वार्षिक अधिवेशन मंगलवार को गगरेट में हुआ। इसमें शिक्षकों व बेरोजगार प्रशिक्षित शिक्षकों की समस्याओं पर मंथन किया गया। महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष प्रो. यशवंत सिंह राणा ने कहा कि हड़ताली जेबीटी प्रशिक्षुओं, बाल सेविकाओं, प्रयोगशाला सहायकों और लाइब्रेरी सहायकों के बांड शीघ्र भरे जाने चाहिए। प्राथमिक शिक्षा के स्तर को सुदृढ़ करने के लिए हर प्राथमिक स्कूल में कम से कम पांच स्थायी शिक्षकों का प्रबंध किया...

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मातृत्व पर गहराता संकट

नई दिल्ली [अरविंद जयतिलक]। बेशक देश में महिलाएं सफलता का इतिहास रच रही हैं। अपने बुलंद हौसले से उन कार्यो को भी अंजाम तक पहुंचा रही हैं, जो सदियों से उनके लिए असंभव बताया जाता रहा है। बात चाहे देश में सरकार को नेतृत्व देने का हो अथवा सेवा क्षेत्र में मिसाल कायम करने की, आज वह हर कहीं पुरुषों से कंधा मिला रही हैं, लेकिन इन सबके बावजूद दुखद स्थिति यह है कि बुनियादी स्वास्थ्य...

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किसान मरे नहीं तो क्या करे--- देविंदर शर्मा

 भारत में किसानों की आत्महत्या को लेकर छिड़ी बहस के बीच अमरीका में किसानों को अनुदान दिए जाने के बारे में एक दिलचस्प रिपोर्ट आई. 1997 से 2008 के बीच भारत में करीब दो लाख किसानों ने बढ़ते कर्ज के कारण होने वाले अपमान से बचने के लिए अपनी जान देने का आत्मघाती कदम उठाया. इन किसानों को सरकार से किसी प्रकार की सीधी सहायता नहीं मिली थी. अमरीका ने 1995...

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