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राज्य में जल्द मछली पालन को मिलेगा कृषि का दरजा

पेरिस : विश्व की एक प्रमुख मीडिया निगरानी संस्था ने भारत को मीडियाकर्मियों के लिए ‘एशिया का सबसे खतरनाक देश' करार देते हुए कहा है कि वर्ष 2015 में दुनिया भर में कुल 110 पत्रकार मारे गये जिनमें नौ भारतीय पत्रकार शामिल हैं. ‘रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स' (आरएसएफ) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि भारत में इस साल नौ पत्रकारों की हत्या हुई. इनमें से कुछ पत्रकार संगठित अपराध तथा...

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'भारत की वृद्धिदर अनुमान में संशोधन कर सकता है विश्वबैंक'

विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक बसु ने शनिवार को संकेत दिया कि विश्वबैंक भारत के लिए अपने वृद्धि दर अनुमान में संशोधन कर सकता है जबकि वह अगले महीनों में स्थिति की समीक्षा करेगा। कौशिक के अनुसार जीएसटी विधेयक को संसद में पारित करवाने में केंद्र की विफलता का असर वृद्धि दर अनुमान पर पड़ेगा, उन्होंने कहा कि जनवरी की समीक्षा में भारत के लिए वृद्धि दर अनुमान में...

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उत्तर प्रदेश में भुखमरी का जिम्मेदार कौन?-- ज्यां द्रेज

बुंदेलखंड, या कहें कि यूपी वाले बुंदेलखंड से आ रही खबरें बहुत डरावनी हैं. योगेंद्र यादव के नेतृत्व में स्वराज अभियान के तहत कराए गए एक रैपिड सर्वे के साक्ष्य कहते हैं कि इलाका अकाल की दशा की तरफ बढ़ रहा है. मसलन, सर्वेक्षण में नमूने के तौर पर चुने गए 38 प्रतिशत गांवों में बीते आठ महीने में भुखमरी या कुपोषण से एक ना एक व्यक्ति की मौत हुई है. ग़रीब...

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27 फीसदी प्रोटीन वाले तिवरा पर मिलावटखोरी का डंडा

गौतम चौबे/रायपुर। गरीबों के प्रोटीन तिवरा (लाखड़ी) में हानिकारक तत्व नहीं होने के बावजूद उस पर खाद्य सुरक्षा का डंडा चल रहा है। आज तक किसी भी वैज्ञानिक ने तिवरा के हानिकारक होने की पुष्टि नहीं की है। नागपुर के समाजसेवी शांति लाल कोठारी ने तिवरा को लेकर उच्च अदालत तक केस लड़ा है और इसके हानिकारक होने की पुष्टि करने वाले को एक लाख रुपए इनाम देने की घोषणा...

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बीतते हुए 2015 में टूटीं समृद्धि की उम्मीदें, अपेक्षा से कम आर्थिक विकास

इस बात की जरूरत है कि सरकार राजनीतिक इच्छाशक्ति से सब्सिडी में कटौती कर अधिक कुशल, बुद्धिमत्तापूर्ण तथा सतर्क कराधान के साथ-साथ उद्योग, बुनियादी ढांचे के विस्तार और आधुनिकीकरण के क्षेत्र में अधिक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आकृष्ट कर पूंजीगत व्यय बढ़ाये़ अर्थव्यवस्था में कुछ मामूली बेहतरी के संकेतों को छोड़ दें, तो 2015 के आर्थिक रुझान बहुत उत्साहवर्द्धक नहीं रहे हैं. वर्ष के आखिरी महीने में संसद में पेश अर्द्धवार्षिक आर्थिक...

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