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अप्रैल अंत तक चीनी के उत्पादन में आई 20 फीसदी की गिरावट, 35 लाख टन के हुए निर्यात सौदे

-आउटलुक, पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2019-20 के पहले सात महीनों में चीनी के उत्पादन में 19.80 फीसदी की कमी आकर कुल 258.01 लाख टन का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस दौरान 321.71 लाख टन का उत्पादन हुआ था। चालू पेराई सीजन में अभी तक करीब 35 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे हुए हैं, हालांकि पिछले दो महीनों में विश्व बाजार...

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उत्तर प्रदेश में गेहूं की खरीद ढीली, किसान समर्थन मूल्य से 250 रुपये तक नीचे बेचने को मजबूर

-आउटलुक, देश के सबसे बड़े गेहूं उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की खरीद ढीली होने के कारण किसानों को 1,775 से 1,850 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर गेहूं बेचना पड़ रहा है जबकि केंद्र सरकार ने चालू रबी विपणन सीजन 2020-21 के लिए गेहूं का एमएसपी 1,925 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। बहराइच जिले की तहसील मोतीपुर के गांव महेशपुर के किसान कुलदीप...

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लॉकउाडन के दौरान त्रिपुरा में रबर उद्योग को 250 करोड़ रुपये का नुकसान

-आउटलुक, कोरोना वायरस से बचाव के लिए देशभर में चल रहे लॉकडाउन की वजह से पिछले दो-ढ़ाई महीनों में त्रिपुरा में प्राकृतिक रबर उद्योग को करीब 250 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। राज्य के मुख्यमंत्री विप्लब कुमार देब ने कहा कि देशभर में लॉकडाउन का असर राज्य के रबर क्षेत्र पर पड़ा है। केरल के बाद त्रिपुरा भारत में दूसरा सबसे बड़ा रबर उत्पादक राज्य है, जिसमें 85,038 हेक्टेयर भूमि में...

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पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश में गेहूं की खरीद में आई तेजी, उत्तर प्रदेश में ढीली

-आउटलुक, पंजाब के साथ ही हरियाणा और मध्य प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की खरीद में तेजी आई है लेकिन सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में खरीद की रफ्तार अभी भी धीमी बनी हुई है। पंजाब के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अनुसार चालू रबी विपणन सीजन 2020-21 में एमएसपी पर पहले दस दिनों में ही 35.07 लाख टन गेहूं की खरीद एमएसपी पर हो चुकी है जोकि...

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लालमिर्च की निर्यात मांग कमजोर, किसान तीसरी और चौथी तुड़वाई नहीं कर पाए

-आउटलुक,  कोरोनावायरस की वजह से दुनिया के अधिकांश देशों में लॉकडाउन होने के कारण देश से लालमिर्च का निर्यात रुक गया है, साथ ही मजदूर नहीं मिलने के कारण किसान फसल की तीसरी और चौथी तुड़वाई भी नहीं कर पाये, जिस कारण भारी नुकसान उठाना पड़ा। इस समय लालमिर्च के निर्यात सौदे सामान्य के केवल 10 फीसदी ही हो रहे हैं, जिस कारण किसानों को मजबूरन कोल्ड स्टोर में फसल रखनी...

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