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न्यूज क्लिपिंग्स् | उत्तर प्रदेश में गेहूं की खरीद ढीली, किसान समर्थन मूल्य से 250 रुपये तक नीचे बेचने को मजबूर

उत्तर प्रदेश में गेहूं की खरीद ढीली, किसान समर्थन मूल्य से 250 रुपये तक नीचे बेचने को मजबूर

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published Published on Apr 30, 2020   modified Modified on Apr 30, 2020

-आउटलुक,

देश के सबसे बड़े गेहूं उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की खरीद ढीली होने के कारण किसानों को 1,775 से 1,850 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर गेहूं बेचना पड़ रहा है जबकि केंद्र सरकार ने चालू रबी विपणन सीजन 2020-21 के लिए गेहूं का एमएसपी 1,925 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।

बहराइच जिले की तहसील मोतीपुर के गांव महेशपुर के किसान कुलदीप सिंह ने बताया कि गेहूं की खरीद के लिए सरकारी कांटे तो लगे हुए हैं, लेकिन अधिकारी बारदाना नहीं होने की बात कहकर खरीद नहीं कर रहे थे। लगातार एक सप्ताह तक महीनपूर कॉ-ऑपरेटिव खरीद केंद्र के चक्कर काटने के बाद मजबूरी में व्यापारी को 130 क्विंटल गेहूं 1,800 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेचना पड़ा। उन्होंने बताया कि बार-बार मौसम खराब हो रहा था, इसलिए गेहूं का भंडारण कहा करते?

अधिकारी नमी और बारिश से भीगे हुए गेहूं बताकर खरीद में कर रहे हैं आनाकानी

पीलीभीत जिले की पूरनपुर तहसील के गांव बेगपुर के गेहूं किसान परगट सिंह ने बताया कि पूरनपुर मंडी में गेहूं की खरीद तो चल रही है, लेकिन खरीद की गति काफी धीमी है साथ ही अधिकारी नमी और बारिश से भीगे हुए गेहूं बताकर खरीद में आनाकानी कर रहे हैं। इससे तंग आकर उन्होंने अपना 100 क्विंटल गेहूं 1,850 रुपये प्रति क्विंटल की दरे से व्यापारी को बेचना पड़ा। व्यापारी ने पैमेंट का 20 दिन का समय दिया है, अगर आपको तुरंत पैमेंट चाहिए तो व्यापारी पैमेंट में एक फीसदी काटकर भुगतान करेगा। गौतमबुद्ध नगर की जेवर तहसील के गांव अहमदपुर चोरोली के किसान प्रमोद ने बताया कि नीम का गांव में सहकारी समिति में गेहूं की खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन तो रहा है लेकिन खरीद शुरू नहीं हो पाई है जिस कारण उन्होंने अपना गेहूं व्यापारियों को 1,775 से 1,800 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बेचना पड़ा।

राज्य से 5.25 लाख टन गेहूं की हो पाई है अभी तक खरीद

राज्य के खाद्य एवं रसद विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य में एमएसपी पर गेहूं की खरीद 5.25 लाख टन की हो चुकी है। उन्होंने बताया कि पहले जूट बोरों की कमी थी, प्लास्टिक के बोरे मंगाकर उसे दूर किया जा रहा है तथा आगे खरीद में तेजी आयेगी। उन्होंने बताया कि राज्य में गेहूं की खरीद के लिए खाद्य विभाग की विपणन शाखा, उत्तर प्रदेश सहकारी संघ (पीसीएफ), उ०प्र० राज्य कृषि एवं औद्योगिक निगम (यूपीएजीआरओ), उ०प्र० राज्य खाद्य एवं आवश्यक वस्तु निगम (एसएफसी), उ०प्र० कर्मचारी कल्याण निगम (केकेएन), भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ मर्यादित (एनसीसीएफ), नेफेड, उत्तर प्रदेश को-ऑपरेटिव यूनियन (यूपीसीयू) के साथ ही उत्तर प्रदेश उपभोक्ता सहकारी संघ (यूपीएसएस) और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) समेत 10 एजेंसियों द्वारा की जा रही है।

पूरी रपट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.


आर. एस राणा, https://www.outlookhindi.com/agriculture/news/wheat-procurement-in-up-slackens-farmers-forced-to-sell-below-250-rupees-from-support-price-48052


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