हाल के वर्षों तक बाढ़ को ग्रामीण समस्या के रूप में ही देखा जाता था और हमेशा बाढ़ से ग्रस्त रहने वाले इलाकों के लोगों, जो मुख्यत: किसान होते थे, की मान्यता थी कि बाढ़ आती है और चली जाती है। ऐसा विरले ही होता कि कभी ढाई दिन से ज्यादा टिकी हो। लेकिन हमारे बाढ़-नियंत्रण के प्रयासों ने अब गांवों की कौन कहे, शहरी क्षेत्रों को भी अपने में...
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शराबबंदी और केरल की कलाबाजी- एस श्रीनिवासन
केरल में शराब के शौकीन लोगों के लिए पिछला हफ्ता काफी घुमावदार रहा। गुरुवार को केरल स्टेट कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ने यह एलान किया कि वह शराब की ऑनलाइन बिक्री शुरू करेगा। जिनकी पहुंच इंटरनेट तक नहीं है, वे टेलीफोन पर बोतल का ऑर्डर कर सकेंगे। लेकिन अगले ही दिन इन शौकीनों की खुशी को ग्रहण भी लग गया, जब कोऑपरेटिव मंत्री एसी मोइदीन ने यह साफ किया कि सरकार...
More »अच्छी मानसून के बाद भी अभी भी प्यासा है 25 फीसद भारत
नई दिल्ली। पूरे देश में औसत से 1 फीसद अधिक बारिश के साथ इस बार मानसून बेहतर है लेकिन इससे पूरे देश की तस्वीर बयां नहीं हो रही है। हर जिले का विश्लेषण करने के बाद भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने ताजा आंकड़े जारी किए हैं, जिसके अनुसार देश के एक तिहाई से भी अधिक यानी 178 जिले में बारिश की कमी है। वहीं, 171 जिले में औसत से...
More »खेती में कोताही बर्दाश्त नहीं
सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रिमंडल के विस्तार के साथ सहयोगियों को कड़ा संदेश भी दिया है। खास संदेश है कि सरकार की प्राथमिकता वाले कृषि क्षेत्र में कोताही बर्दाश्त नहीं है। तभी को कृषि मंत्रालय से जुड़े दोनों राज्य मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। समूची सरकार में एक मात्र कृषि मंत्रालय है, जहां तीन-तीन राज्य मंत्रियों का सबसे बड़ा अमला है। प्रधानमंत्री मोदी...
More »कृषि ऋण की राह में मुश्किलें-- विभाष
बैंकों से किसानों को मिलनेवाले कृषि ऋण को लेकर कई भ्रांतियां हैं. बड़ी शिकायत यह रहती है कि ढेर सारे दस्तावेज बैंक में जमा करने पड़ते हैं. एक सेमिनार में एक बड़े उद्योगपति ने यह बात सबके सामने रखी. मैंने प्रतिकार किया कि कोई भी ऋण बिना न्यूनतम दस्तावेज के नहीं दिया जा सकता. कृषि ऋण के दस्तावेजों को सरल और मानक बनाने के उद्देश्य से रिजर्व बैंक ने वर्ष...
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