-न्यूजलॉन्ड्री, दिसंबर 2019 में छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक दूषित जल शोधन संयंत्र में काम करने वाले राजकुमार साहू ने 1000 किलोमीटर की दूरी तय करके पुणे जेल में बंद 59 वर्षीय वकील सुधा भारद्वाज से मुलाकात की. पुलिस द्वारा कोर्ट लाए जाते समय कुछ पलों की भेंट के लिए इतनी लंबी यात्रा का क्या औचित्य है, इसे समझाते हुए 50 वर्षीय साहू ने बताया, "वे केवल हमारी यूनियन की...
More »SEARCH RESULT
छत्तीसगढ़ः पर्यावरण संरक्षण में जुटे वीरेंद्र, 35 तालाब, एक नदी और 2 कुंड किए स्वच्छ
-इंडिया वाटर पोर्टल, छत्तीसगढ़ का नाम सुनते ही लोगों के मन में एक आदिवासी राज्य की छवि बनती है, जो विकास की दौड़ में शामिल होने के लिए संघर्ष कर रहा है, लेकिन इसी छत्तीसगढ़ में सैंकड़ों मीलों तक जंगल का इलाका फैला है, जो इस राज्य को प्राकृतिक संपदाओं से समृद्ध राज्य बनाता है। यहां सैंकड़ों नदी, तालाब और झरने आदि सहित विभिन्न जलस्रोत इंसानों सहित विभन्न जीव-जंतुओं की प्यास...
More »आपदा में अवसर : महामारी के दौर में देश में 45 जगह जबरन बेदखली
-डाउन टू अर्थ, कोरोनाकाल की आपदा को अवसर मानते हुए राज्यों ने 20 हजार से अधिक लोगों को उनके घर से जबरन विस्थापित कर दिया। विस्थापित लोगों का यह आंकड़ा 16 मार्च से 31 जुलाई तक का है। हाउसिंग एंड लैंड राइट्स नेटवर्क (एचएलआरएन) की रिपोर्ट “फोर्स इविक्शन इन इंडिया इन 2019 : एन अनरिलेटिंग नेशनल क्राइसिस” के अनुसार, देशभर में महामारी के दौरान जबरन बेदखली के कम से कम 45...
More »यूपी: लॉकडाउन में तंगी झेल रहे परिवारों पर बढ़ा एक और आर्थिक बोझ, 40 आईटीआई कॉलेजों की फीस 50 गुना तक बढ़ी
-गांव कनेक्शन, - उत्तर प्रदेश में अब 40 राजकीय औद्योगिक संस्थान (आईटीआई) निजीकरण की भेंट चढ़ गए हैं। यह निजीकरण दो चरणों में होगा। पहले चरण में 16 और दूसरे में 24 आईटीआई निजीकरण के हवाले किए जाएंगे। उत्तर प्रदेश में निजी आईटीआई संस्थानों की संख्या सरकारी संस्थानों से 10 गुना अधिक है। इस फैसले के बाद यह संख्या और भी अधिक हो जाएगी। इसी के साथ नए सत्र 2020 -21...
More »ईआईए अधिसूचना का मसौदा किस प्रकार से आदिवासियों और वनवासी समुदायों के अधिकारों से समझौता करना है
-न्यूजक्लिक, जहां एक ओर पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना, 2020 के मसौदा दस्तावेज की आलोचना व्यापार को आसान बनाने के लिए पर्यावरणीय मानदंडों को खत्म करने की कोशिशों की खातिर की जा रही है, वहीं इन नए प्रावधानों के चलते समाज के कुछ तबकों को इसका सबसे अधिक खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। और वे तबके हैं जंगली इलाकों में रहने वाले अनुसूचित जनजाति और अन्य पारम्परिक वनवासी समुदाय के लोग। नई अधिसूचना...
More »