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खनकती चूड़ियों के बीच हरित क्रांति

संझौली, रोहतास [प्रमोद टैगोर]। पहले जारी होता था सासू जी का फरमान-बहू, घर से बाहर मत निकलना, खानदान की नाक कट जाएगी। पर, अब ऐसी बात नहीं। बदलते परिवेश के साथ जमाना काफी बदला है। सासूजी खेत की मेड़ पर बच्चों की देखभाल कर रही हैं और बहुरिया खेती का काम। रोहतास जिले के संझौली प्रखंड के मथुरापुर गांव में महिलाएं पूरी तरह आत्मनिर्भर बन गयीं हैं। इनके हाथों की खुरपी, कुदाल, टोकरी ने...

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पांच सितारा होटल जैसे होंगे सरकारी रेस्ट हाउस

भोपाल। सरकारी रेस्ट हाउसों और गेस्ट हाउसों में भले ही अभी आप मजबूरी में ठहरते हों, लेकिन कुछ महीनों बाद यही सरकारी गेस्ट हाउस आपको आकर्षित करेंगे। यहां आपकी जो मेहमान नवाजी होगी, वह किसी सितारा होटल से कम नहीं होगी। सितारा होटलों की तरह ही सजे-धजे और खातिरदारी की कला में माहिर कर्मचारी आपकी आवभगत करेंगे। दरअसल लोकनिर्माण विभाग अपने सभी रेस्ट हाउस और गेस्ट हाउस को आलीशान बनाने...

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भुखमरी-एक आकलन

 खास बात   - साल 1990 में भारत का जीएचआई अंक 32.6 था, साल 1995 में यह अंक 27.1, साल 2000 में 24.8, साल 2005 में  24.0 तथा साल 2013 में 21.3 था। साल 2013 में भारत का जीएचआई अंक(21.3) चीन (5.5), श्रीलंका (15.6), नेपाल (17.3), पाकिस्तान (19.3) और बांग्लादेश (19.4) से बदतर है।@ -साल १९८३ में देश के ग्रामीण अंचलों में प्रति व्यक्ति प्रति दिन औसत कैलोरी उपभोग २३०९ किलो कैलोरी का था जो साल १९९८ में घटकर २०१०...

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न्याय:कितना दूर-कितना पास

  खास बात  • साल २००९ के अप्रैल महीने तक सर्वोच्च न्यायालय में लंबित मुकदमों की संख्या ५०१४८ थी। केसों के निपटारे की गति बढ़ी है मगर शिकायतों के आने की गति और जजों की संख्या केसों के आने की गति की तुलना में अपर्याप्त साबित हो रही है।*  • दो साल पहले यानी साल २००७ के जनवरी महीने में सुप्रीम कोर्ट में लंबित केसों की संख्या ३९७८० थी। सुप्रीम कोर्ट लंबित केसों के निपटारे में तेजी लाने असहाय महसूस...

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नरेगा और सोशल ऑडिट

खास बात • मनरेगा में वित्तवर्ष 2015-16 में 235.6 करोड़ व्यक्ति-दिवसों के बराबर रोजगार का सृजन हुआ है. यह पिछले पांच सालों में अधिकतम है.   • वित्तवर्ष 2015-16 में कुल 5.35 करोड़ परिवारों ने मनरेगा के तहत रोजगार की मांग की लेकिन केवल 4.82 करोड़ परिवारों को ही रोजगार दिया जा सका यानी 9.9 फीसद परिवारों को मांग के बावजूद रोजगार नहीं हासिल हुआ.   • वित्तवर्ष 2015-16 में मनरेगा में प्रति परिवार औसतन 49 व्यक्ति दिवसों के बराबर...

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