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अंतहीन अत्याचार का वह काला दौर - ए. सूर्यप्रकाश

जून का महीना झुलसाती गर्मी के साथ इतिहास की कुछ दर्दनाक यादों को भी दोहराता है। 1975 में 25 जून को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश पर निरंकुश आपातकाल थोपा था। इसके साथ ही जीवंत लोकतंत्र पर तानाशाही हावी हो गई थी। इस तानाशाही ने न केवल नागरिकों के मूल अधिकार निलंबित किए, बल्कि उन्हें जीवन के अधिकार से भी वंचित किया। यदि हम अपने लोकतांत्रिक जीवन को सुरक्षित रखना...

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मनरेगा में सामाजिक अंकेक्षण: कर्नाटक रहा 2017-18 में सबसे अव्वल

मनरेगा के सामाजिक अंकेक्षण (सोशल ऑडिट) में कर्नाटक देश के सभी सूबों और संघशासित प्रदेशों में अव्वल है. सूबे में साल 2017-18 में 97 फीसद जिलों तथा 98 प्रतिशत ग्राम पंचायतों में मनरेगा के कामों से जुड़ा सामाजिक अंकेक्षण हुआ है.   मनरेगा से जुड़ी जानकारियों की सरकारी वेबसाइट www.nrega.nic.in के एमआईएस(मैनेजमेंट इन्फॉरमेशन सिस्टम) के आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2017-18 में मनरेगा में कुल 687 जिलों में तकरीबन...

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मानव तस्करी को रोकना जरूरी-- क्रेग एल हॉल

क्तियों की तस्करी, जिसे मानव तस्करी या आधुनिक गुलामी के रूप में भी जाना जाता है, एक छिपा हुआ अपराध है, जो किसी सीमा का लिहाज नहीं करता और दुनियाभर के देशों में सभी पृष्ठभूमि के लोगों को प्रभावित करता है. भारत और अमेरिका ने व्यक्तियों, खासतौर पर महिलाओं और बच्चों की तस्करी को प्रतिबंधित, दमित और दंडित करने के प्रोटोकॉल को, अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के...

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कैंसर की तरह फैलता अवैध निर्माण - संजय गुप्त

हिमाचल प्रदेश के कसौली में एक होटल मालिक ने अवैध निर्माण हटाने आईं सहायक नगर नियोजन अधिकारी शैलबाला की जिस तरह गोली मारकर हत्या कर दी, वह अपराध की सामान्य घटना नहीं है। शैलबाला को गोली मारने वाले होटल मालिक ने पहले ले-देकर अपने अवैध निर्माण को बचाने की कोशिश की। जब वह नाकाम रहा तो उसने पुलिस की मौजूदगी में सहायक नगर नियोजन अधिकारी की हत्या कर दी। यह...

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मीडिया की आजादी के सवाल-- एम वेंकैया नायडू

जानवर और इंसान में यही फर्क है कि इंसान कुछ नियमों से संचालित होता है, जो व्यवस्थित जीवन की जरूरी शर्त है, अन्यथा तो एक जंगल राज होगा, जहां बलशाली ही राज करता है। व्यवस्थित जीवन का मतलब है, एक तरह का संवाद संतुलन, जो किसी एक घटक को किसी भी स्तर पर निरंकुश होने का अधिकार नहीं देता। आजादी कैसी भी हो, आत्मसंयम मांगती है। भारतीय संविधान कुछ मौलिक...

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