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डिजिटल भुगतान की समस्याएं-- विभाष

बड़े नोटों के विमुद्रीकरण के पश्चात और नये नोटों की आपूर्ति में आ रही समस्याओं के कारण डिजिटल भुगतान में एकाएक बढ़ोतरी हुई है. डिजिटल भुगतान को कानूनी जामा पहनाने तथा इसे सुगम और सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से संसद द्वारा पेमेंट एंड सेटलमेंट एक्ट-2007 पारित किया गया है. इस अधिनियम में प्रदत्त अधिकारों के तहत भारतीय रिजर्व बैंक समय-समय पर बैंकों और अन्य रेगुलेटेड एंटिटीज के लिए दिशानिर्देश जारी...

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फसल बीमा योजना के नियमों में होगा बदलाव, ताकि मजाक न बनें किसान

केंद्र सरकार फसल बीमा योजना के नियमों में परिवर्तन करने जा रही है, जिससे किसानों को बीमित फसल का एक निश्चित मुआवजा अवश्य मिलेगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़े कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बाढ़, अधिक बारिश, तूफान, सूखा जैसी प्राकृतिक आपदा में फसल बर्बाद होने पर किसानों को बीमित उपज का मुआवजा दिया जाता है। लेकिन तालुका व ब्लाक स्तर पर फसल नुकसान की गणना...

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सूखे की आशंका के बीच बारिश होने से सुधरी खेती

रायपुर, ब्यूरो। छत्तीसगढ़ में सूखे की आशंका के बीच पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश से धान सहित खरीफ की फसलों की स्थिति सुधरी है। वहीं, लगातार बारिश के कारण जल्दी पकने वाले धान व सोयाबीन की फसल को नुकसान भी पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। कृषि विभाग के अधिकारियों का दावा है कि फिलहाल खेती को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। यदि ऐसी ही लगातार...

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बिहार में बाढ़ से 15,000 करोड़ रुपये का नुकसान, अब तक 61 लोगों की मौत

पटना : बिहार में बाढ़ से करीब 15 हजार करोड़ की क्षति का प्रारंभिक अनुमान है. आपदा प्रबंधन विभाग नुकसान के आकलन में जुटा है. आकलन पूरा होने के बाद केंद्र सरकार को ज्ञापन सौंपा जायेगा. इसके बाद केंद्रीय टीम क्षति का जायजा लेने बिहार आयेगी. केंद्रीय टीम की रिपोर्ट पर बिहार को बाढ़ से हुई क्षति की भरपाई के लिए केंद्रीय सहायता मिल पायेगी. आपदा प्रबंधन मंत्री प्रो चंद्रशेखर...

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1000 करोड़ की फसल बर्बादी से धीमी होगी विकास की चाल-- प्रकाशकांत

पूरे देश की ही तरह मध्य प्रदेश के अर्थतंत्र की रीढ़ भी खेती है। इसी खेती ने 2008 की विश्व मंदी में भी देश की अर्थव्यवस्था को डूबने से बचाया था। हालांकि, यही खेती खुद भी कभी सूखे तो कभी अतिवृष्टि की शिकार होती रही है। नईम की इन पंक्तियों की तर्ज पर कि 'सूखे का हुआ कभी/कभी हुआ बाढ़ का/पहला दिन मेरे आषाढ़ का"। इस बार आषाढ़ तो नहीं मगर...

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