मल्टीमीडिया डेस्क। फोर्ड मोटर कंपनी, 1903 में 12 निवेशकों की मदद से 28,000 डॉलर का निवेश करके एक परिवर्तित कारखाना के रूप में लॉन्च हुई थी। फोर्ड पहली कंपनी थी, जिसने ऑटोमोबाइल का निर्माण व विकास किया था। यह कंपनी मध्यम वर्ग के लोगों के लिए वाहन बनाती थी। 21वीं सदी की शुरूआत में वित्तीय संकट के दौरान यह कंपनी दिवालिया होने की कगार तक पहुंच गई थी, परंतु उसके बाद...
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हीरा-मन हाट हेराया-- अश्विनी भटनागर
पच्चीस साल पहले बाजार खुला था। प्रधानमंत्री नरसिंह राव और वित्तमंत्री मनमोहन सिंह की उदार नीति के तहत यह नई संरचना बनी थी। उससे पहले हाट लगा करती थी। हर हफ्ते या फिर बड़ी जगहों में हफ्ते में दो बार। रोजमर्रा की जरूरतों के लिए पड़ोस में पंसारी था या फेरीवाले। हफ्ते की हाट में खरीद-फरोख्त तो होती ही थी, साथ में गपशप भी हो जाती थी। विक्रेता ग्राहक को...
More »माल देशी, मालिकाना विदेशी --- अनिल रघुराज
इकलौते तथ्य से सत्य नहीं निकल सकता. लेकिन अनेक तथ्यों को साथ मिला कर सत्य की समग्र तसवीर बनायी जा सकती है. मसला है देश के व्यापक आर्थिक विकास और रोजगार सृजन का. यह मसला केंद्र या राज्य सरकारों के लिए ही नहीं, देश के हर अमीर-गरीब, स्त्री-पुरुष या बच्चे, बूढ़े व नौजवान के लिए बेहद अहम है. आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के इस मसले को सुलझाने के चार...
More »काजू की खेती ने बदल दी इस गांव की तस्वीर
दिलीप गुप्ता, शाहपुर। आम लोगों की पहुंच से दूर रहने वाला काजू यदि आदिवासी किसानों के घरों में बोरियों में रखा मिले तो चौंकना लाजिमी है। लेकिन यह हकीकत है और बैतूल जिले के शाहपुर ब्लाक में आने वाले ग्राम अड़माढाना के लगभग हर घर में एक- दो नहीं क्विंटलों से काजू भरा पड़ा है। ड्राय फूड्स में सबसे मंहगा मिलने वाला काजू छोटे से गांव के हर घर में बाड़ी...
More »बुंदेलखंड: न चारा, न पानी, जानवर बेच रहे हैं किसान
सूखे से झुलस रहे बुंदेलखंड में स्थितियां और भयावह हो चली हैं। हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दो वक्त की रोटी के लिए ग्रामीण अपने पशु बेच रहे हैं। पशुओं के खरीदार नहीं मिल रहे हैं, चारे पानी का जबरदस्त संकट है लिहाजा पशुपालक भारी मन से औने-पौने दामों में इनसे पीछा छुड़ा रहे हैं। कई गांव ऐसे भी हैं जहां के लोगों ने अपने...
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