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महंगाई के खिलाफ खोखली पहल

नई दिल्ली [घनेंद्र सिंह सरोहा]। आईपीएल, सानिया की शादी और मोदी-थरूर विवाद के बीच बीते दिनों एक खबर महंगाई पर भी आई थी। अक्सर विपक्ष कहता है कि मीडिया हमेशा बुनियादी मुद्दों को छोड़ ग्लैमरस चीजों के पीछे भागता है। तो मंहगाई पर कटौती प्रस्ताव लाने वाला विपक्ष संसद में शशि थरूर और उनकी महिला मित्र सुनंदा के बीच कौन-सा बुनियादी मुद्दा ढूंढ़ रहा है। यहा विपक्ष या मीडिया की गलतिया ढूंढ़ने का इरादा...

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दिन के 6 घंटे खप जाते हैं पानी लाने में

सासाराम [ब्रजेश कुमार]। बिहार के रोहतास जिले के कैमूर पहाड़ी क्षेत्र में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था आसमान से तारे तोड़ने जैसी है। उग्रवाद प्रभावित इस क्षेत्र में महिलायें 5 से 15 किलोमीटर दूर पानी लाने जाती हैं। सुबह घर से निकली महिलाएं शाम को वापस लौट पातीं हैं। दशकों से जारी जल संकट के कारण लोगों की जीवन शैली बदल गई है। जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन के आश्वासनों के बीच समस्या बरकरार है। उग्रवाद प्रभावित रोहतास...

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अमीरी-गरीबी के बीच बढ़ता फासला

नई दिल्ली [निरंकार सिंह]। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि 11वीं योजना के अंत तक नौ फीसदी और 12वीं पंचवर्षीय योजना में 10 फीसदी विकास दर का लक्ष्य होना चाहिए। इसके साथ यह भी सुनिश्चित करना होगा कि इसका फायदा समाज के हर वर्ग को मिले। इनकी सरकार लगातार समावेशी विकास के दावे कर रही है, लेकिन उसने विकास के उन तौर तरीकों को अपनाया है, जिससे समाज में विषमता बढ़ गई है। अमीरी और...

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अब भी दुरुस्त नहीं विश्व की आर्थिक दशा - यूएन रिपोर्ट

अगर आप यह सोचते हैं कि महामंदी का कहर अब उतार पर है और अर्थजगत की सेहत के लिहाज से सबसे बुरा वक्त बीच चुका है तो यह रिपोर्ट खास आपके ही लिए है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा हाल ही में जारी वर्ल्ड इकॉनॉमिक सिचुएशन एंड प्रास्पेक्टस्-२०१० (डब्ल्यू ई एस पी) नामक रिपोर्ट में आशंका जतायी गई है कि विकासशील देशों में आर्थिक वृद्धि की सालाना रफ्तार मंदी से पहले...

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आदिवासियों का विश्वस्तर पर जनसंहार- यूएन रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र संघ की द स्टेट ऑव द वर्ल्डस् इंडीजीनस पीपल्स नामक रिपोर्ट में कहा गया है कि मूलवंशी और आदिम जनजातियां पूरे विश्व में अपनी संपदा-संसाधन और जमीन से वंचित और विस्थापित होकर विलुप्त होने के कगार पर हैं। रिपोर्ट में भारत के एक सूबे झारखंड में चल रहे खनन कार्य के कारण विस्थापित हुए संथाल जनजाति के हजारो परिवारों का हवाला देते हुए कहा गया है कि उन्हें समुचित मुआवजा तक हासिल नहीं हो...

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