जनसत्ता 16 मार्च, 2012: उच्चतम न्यायालय द्वारा सरकार को नदियों के एकीकरण की योजना पर चरणबद्ध तरीके से अमल करने का निर्देश देने के बाद परिणामप्रिय विश्लेषक इस योजना से होने वाले लाभों को गिनवाने में लग गए हैं। नदियों के एकीकरण के इस प्रस्ताव पर उस तबके के बीच खासा उत्साह का माहौल है जो इसके जरिए अपने हितों को साधने और अपने आर्थिक विस्तार की संभावनाएं तलाश रहा है।...
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करोड़ों की सिंचाई मशीनरी फांक रही धूल
खेतों में हरियाली लाने व लोगों की रोजी-रोटी में बढ़ोतरी के उद्देश्य से स्थापित की गई डिडवीं टिक्कर सिंचाई योजना करीब दस साल से ठप पड़ी है। उठाऊ पेयजल योजना की करोड़ों रुपये की मशीनरी भी खुले में धूल फांक रही है। हमीरपुर मुख्यालय से करीब दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित डिडवीं टिक्कर उठाऊ सिंचाई योजना का उद्घाटन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने 2001 में किया था। कुछ साल चलने...
More »विकास की बंद गली- भारत डोगरा
जनसत्ता 2 फरवरी, 2012 : हाल के वैश्विक संकट ने विश्व-स्तर पर लोगों को नए सिरे से आर्थिक नीतियों के बारे में सोचने के लिए प्रेरित किया है। अब आम लोग और विशेषज्ञ दोनों निजीकरण, बाजारीकरण और भूमंडलीकरण पर आधारित मॉडल की प्रासंगिकता पर सवाल उठा रहे हैं। आम लोगों की बेचैनी की अभिव्यक्ति सबसे प्रबल रूप में आक्युपाइ द वॉल स्ट्रीट आंदोलन के रूप में हुई है। दूसरी ओर, इस बार...
More »मगध में मुरदहिया सन्नाटा- निराला(तहलका, हिन्दी)
बिहार के मगध क्षेत्र में इंसेफलाइटिस पिछले तीन महीने से अमूमन हर रोज एक बच्चे की जान ले रहा है. जो बच्चे बच जा रहे हैं उन्हें बाकी जिंदगी अपंगताओं के साथ गुजारनी होगी. लेकिन इलाके के जनप्रतिनिधि, शासन-प्रशासन और कथित समाजसेवी संस्थाएं आंखें मूंदे बैठे हैं. निराला की रिपोर्ट पिंकी की उम्र आठ-नौ साल होगी. गया-पटना रोड पर स्थित रसलपुर गांव की रहने वाली है. उसके सामने जाते ही उसकी...
More »इंद्रधनु रौंदे हुए ये.. : हर्ष मंदर
सड़कों पर अपना जीवन बिताने वाले बच्चे साहसी जरूर होते हैं, लेकिन उन्हें अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए कड़ा संघर्ष भी करना पड़ता है। इनमें से अधिकांश बच्चे वे होते हैं, जो या तो शराबी या हिंसक पिता की प्रताड़नाओं से बचने के लिए घर से भाग आए हैं, या अपने सौतेले माता-पिता की उपेक्षा के शिकार हैं, या उनका परिवार किसी क्रूर घटना या हादसे की भेंट चढ़ गया...
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