लखनऊ। बेमौसम हरी-भरी सब्जियों के देख कर मन प्रसन्न हो जाता है। बैंगनी बैंगन और हरे मटर को देख जी ललचा उठता है। पर क्या हमने कभी सोचा है कि प्रकृति के विरुद्ध जाकर हम जो काम करते हैं, उसका साइड इफेक्ट क्या होता है? नहीं हमारे पास इतनी फुर्सत कहां जो अपने हेल्थ के बारे में सोच सकें। पर नहीं जनाब इस घटना और जानकारी के जानने के बाद आप...
More »SEARCH RESULT
राजस्थान बजट 2011: रोटी-कपड़ा सस्ता, पर मकान बनाना महंगा
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्रालय का काम देख रहे अशोक गहलोत ने बुधवार को जैसे ही पढ़ना शुरू किया तो इसके साथ ही यह तय हो गया कि इस बार बजट पिछड़ों, गरीब तबकों, अल्पसंख्यकों के लिए काफी कुछ लेकर आया है। हालांकि इन योजनाओं का असर प्रदेश पर कितना होगा, यह आंकड़ें और योजनाओं का आकार तय नहीं कर सकता। लेकिन ये तय है कि शिक्षा, पानी और ऊर्जा प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं...
More »कृषि को बनाया जाएगा बहुयामी : रावत
कृषि उत्पादन से भविष्य में खाद्य जरूरतें अधिक हैं, जिसे हासिल करना आसान नहीं है। खाद्य सुरक्षा के लिए सरकार, वैज्ञानिक व किसानों को मिलकर कार्य करना होगा। तभी उत्पादन लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। ये बातें केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री हरीश रावत ने कही। वे भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा में तीन दिवसीय कृषि मेला के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। पूसा में कृषि मेला का उद्घाटन करने...
More »मिड-डे-मील में काजू और बादाम
नेरचौक। मिड-डे-मिल योजना में जहां अधिकतर स्कूल कम बजट का रोना रोते रहते हैं। वहीं, शिक्षकों के कुशल प्रबंधन से मात्र दो रुपए 29 पैसे प्रति छात्र के बजट में नेरचौक के डडोह स्कूल में बच्चों को काजू-बादाम भी खिलाए जा रहे हैं। इसके अलावा उन्हें किशमिश, गरी, पनीरयुक्त सब्जियां भी दी जा रही हैं। बल्ह ब्लाक के तहत आने वाले प्राइमरी स्कूल डडोह में शिक्षकों ने मिसाल पेश की है। सितंबर 2004...
More »किसान मेला में किसान रहे उदासीन
भोपाल. सरकारी योजनाओं का अफसर और अमला कैसे माखौल उड़ाते हैं यह लाल परेड मैदान के किसान मेले में बंट रहे साहित्य और पचरे से आसानी से समझा जा सकता है। खासतौर पर केंद्र सरकार के कृषि से जुड़े स्टालों पर तो किसानों को अंग्रेजी के पर्चे ही थमाये जा रहे थे। इनमें से कुछ ऐसे थे जिन्हें बांटने वाले भी अटक-अटक कर पढ़ पा रहे थे। राज्य सरकार के कुछ स्टालों...
More »