SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 164

उत्तराखंड में बढ़ता मानव-वन्यजीव संघर्ष, पलायन के लिए लोग हुए मजबूर

इंडियास्पेंड, 16 अप्रैल पौड़ी के चौबट्टाखाल के मजगांव में अक्टूबर, 2022 की एक शाम लगभग 55 साल की शकुंतला देवी अपनी गाय के लिए घास काट रही थीं। तभी अचानक एक गुलदार (लेपर्ड, पंथैरा पार्डस) ने उन हमला कर दिया। गुलदार ने उनका पैर पकड़ने की कोशिश की और वह नीचे दूसरे खेत में जा गिरीं। इसके बाद जब गुलदार उनकी गर्दन पर लपका तो शकुंतला ने घास काटने वाली दराती...

More »

आत्मनिर्भर बन रही हैं केरल की आदिवासी महिलाएँ

बाबा मायाराम, पालक्काड़ “हम जल, जंगल और जंगली जानवरों का संरक्षण करने के साथ-साथ आदिवासियों की आजीविका को भी बचाने की कर रहे हैं। जंगल से हम उतना ही लेते हैं, जितनी जरूरत होती है। जंगली जानवरों के लिये को उनके पसंद के फल, फूल, पत्ते और कंद छोड़ देते हैं; जिससे वे भी जिये और जंगल की जैव-विविधता भी बनी रहे।” यह मंजू वासुदेवन थीं, केरल के त्रिचूर जिले में ‘फॉरेस्ट...

More »

खंडवा की जेल में जैविक खेती कर रहे बंदी, 50 किलो टमाटर का उत्पादन

नई दुनिया, 13 जनवरी जो हाथ कभी अपराध करने के लिए उठे थे, उन्हीं हाथों में कुदाली व फावड़ा है। जेल में रहकर बंदी खेती कर रहे हैं। यहां जैविक खेती की जा रही है। कम जगह में विकट परिस्थितियों के बीच जेल प्रशासन ने कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह प्रयास किया है ताकि जब वे यहां से बाहर जाए तो उनके पास एक हुनर हो। जेल में गोभी,...

More »

शून्य से नीचे तापमान में भी लद्दाख के किसान कर रहे गोभी, टमाटर और पालक जैसी कई सब्जियों की खेती

 गाँव कनेक्शन, 26 दिसंबर लद्दाख के खालसी गाँव के 50 साल के रिंचा अंगचुक पेशे से किसान हैं। उनके लिए सर्दियों के महीने हमेशा से संघर्षपूर्ण हुआ करते थे। कड़ाके की ठंड से बचने के अलावा, अपनी पत्नी और दो बेटियों को खिलाने के लिए पौष्टिक सब्जियां ढूंढना हमेशा से एक चुनौती रहा था। अंगचुक ने गाँव कनेक्शन को बताया, "सर्दियों के महीनों में टमाटर की कीमत 150 रुपये से 200...

More »

खबरदार

  खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close