पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह यूं तो अपने मौन के लिए जाने गये, तो भी उनका यह वाक्य भारतीय राजनीति के रोजमर्रा के पर्यवेक्षकों को दशकों तक याद रहेगा कि ‘जिस विचार का समय आ गया हो, उसे दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती.’ इसी मिजाज का एक वाक्य साहित्यकार विक्टर ह्यूगो के नाम से भी मशहूर है. ह्यूगो के एक उपन्यास द हिस्ट्री ऑफ ए क्राइम में एक वाक्य आता है- ‘नथिंग इज स्ट्रांगर...
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तीन साल बाद भी आरटीआइ एक्टिविस्ट को नहीं मिली सूचना
पटना: लोक सूचना का अधिकार (आरटीआइ) कानून को लेकर सरकार भले ही बड़े-बड़े दावे करे, मगर स्थिति है कि एक सूचना हासिल करने में आवेदक के जूते तक घिस जाते हैं. तमाम दबाव के बावजूद अपने रुख पर कायम रहने की स्थिति में उनको प्रताड़ना भी ङोलनी पड़ती है. ऐसा ही एक मामला बख्तियारपुर प्रखंड का है. आरटीआइ एक्टिविस्ट रामप्रवेश राय ने प्रखंड में लगे सोलर लाइट से जुड़ी जानकारी...
More »नये मध्यवर्ग का चरित्र- पवन के वर्मा
भारत का युवा गणतंत्र संकट में है, और भारतीय मध्य-वर्ग इसमें मुखर प्रतिभागी और हाशिये पर खड़ा दर्शक बना हुआ है. इस द्वैध के कई कारण हैं. इतिहास में किसी वर्ग के लिए यह असामान्य नहीं रहा है कि वह अपने अंदर कहीं बड़ी संभावना रखता हो, लेकिन आम तौर पर उससे बेखबर हो तथा उस बड़ी भूमिका को निभाने के लिए उसकी उतनी तैयारी भी न हो. सामाजिक रूपांतरण की...
More »हरप्रीत कौर की अजब कहानी- राहुल कोटियाल
साल 2013. दिल्ली में इस साल की शुरुआत धरनों, प्रदर्शनों, भूख हड़ताल और नारों से हुई थी. 16 दिसंबर 2012 की शाम जो हादसा निर्भया के साथ हुआ उसने दिल्ली ही नहीं पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. इसके बाद लाखों लोग सड़कों पर उतर आए थे. कहीं निर्भया को न्याय दिलाने की मांग थी तो कहीं महिलाओं की सुरक्षा के लिए नए कानून बनाने के आंदोलन हो...
More »भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग का नया हथियार- आर के नीरद
मित्रो, सत्येंद्रनाथ दुबे और बिहार-झारखंड के नौ आरटीआइ एक्टिविस्टों की शहादत का सटीक नतीजा सामने आने वाला है. भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए आरटीआइ एक्टिविस्ट के बाद अब ह्विसिल ब्लोअरों की टीम तैयार होने वाली है. इसमें सरकारी और गैर सरकार दोनों लोग होंगे. ह्विसिल ब्लोअर प्रोटेक्शन बिल को संसद की मंजूरी मिलने के बाद अब राष्ट्रपति की भी स्वीकृति मिल गयी है. यह सिविल सोसाइटी के लिए सरकारी तंत्र में...
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