कहा जा रहा है कि दुनिया अब बूढ़ी हो रही है. पचास के दशक की तुलना में 21वीं शताब्दी में साठ साल से ऊपर की उम्र के लोगों की संख्या तीन गुनी ज्यादा हो जायेगी. भारत में भी लगभग आठ प्रतिशत जनसंख्या साठ से ऊपर है, बिहार जहां अपेक्षाकृत युवा ज्यादा हैं, वहां भी यह प्रतिशत सात से कम नहीं है. लेकिन दुनिया के विकसित देशों की तरह भारत में...
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छग: ज्यादातर आबादी खेती पर निर्भर, लेकिन सिंचाई का ही सिस्टम ध्वस्त
रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र में 2003 से 2013 तक भाजपा विधायक के कार्यकाल में सड़क, पुल-पुलियों और सिंचाई के लिए बांध बनाने में सबसे ज्यादा खर्च हुआ। पिछले साढ़े चार साल से कांग्रेस के विधायक हैं, जो कि क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करते रहे हैं, लेकिन उसके बाद भी विकास कार्यों को पहले की तरह गति नहीं मिल पा रही है। सड़क और पुल-पुलिया...
More »कचरे के निपटारे की चुनौती-- मोनिका शर्मा
एक हालिया अध्ययन के मुताबिक वर्ष 2047 तक भारत में कूड़े का ‘उत्पादन' पांच गुना बढ़ जाएगा। इसका अर्थ है कि हमारा देश दुनिया भर में कूड़े का सबसे बड़ा उत्पादक बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। यह बहुत चिंताजनक है, एक ऐसे देश में, जहां कूड़ा प्रबंधन पहले से ही बहुत बड़ी समस्या है। इतना ही नहीं, हमारे यहां पारंपरिक तरल और ठोस कूड़े के अलावा...
More »CG : उद्योग के लिए अधिग्रहित जमीन वापस मांग रही जनता
विनोद सिंह, चित्रकोट। बस्तर की चित्रकोट विधानसभा सीट नक्सलवाद की समस्या से मुक्ति पाने और विकास की दौड़ में शामिल होने के लिए संघर्ष कर रही है। टाटा के स्टील प्लांट से क्षेत्र को काफी उम्मीदें थीं, लेकिन विवाद के बाद 2016 में टाटा ने प्लांट लगाने से इन्कार कर दिया। अब स्टील प्लांट के लिए अधिगृहित की गई जमीन किसान वापस मांग रहे हैं। किसान अपने खेत के लिए पानी...
More »CG : सिंचाई, पेयजल व रोजगार की बांट जोह रही जनता
मनोज गुप्ता, प्रेम नगर, सरगुजा । अविभाजित सरगुजा की हाई प्रोफाइल सीट प्रेमनगर में दिखाने और बताने के लिए कई विकास के काम हुए हैं, लेकिन कृषि, सिंचाई, पेजयल और रोजगार के मामले में यहां के लोगों को कुछ खास हासिल नहीं हुआ है। क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं का अभाव, स्वास्थ्य एवं सड़क की समस्या अब भी बनी हुई है। आगामी चुनाव में ये मुद्दे जरूर उठेंगे। जिला मुख्यालय सूरजपुर जिले...
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