रायसेन(मध्यप्रदेश)। मंत्री जी, चुनाव के समय तो आपने हाथ पर कलश-नारियल रखकर कसम खाई थी कि गांव में पानी-बिजली की समस्या जल्द खत्म कर देंगे। लेकिन अब क्या हुआ। चुनाव जीतने के बाद तो आप हमें भूल ही गए। यहां जवान लड़कों की शादियां नहीं हो रही हैं। जिनकी हो भी गई हैं, उनकी पत्नियां मायके से वापस ससुराल नहीं आना चाहती, क्योंकि गांव में दो से तीन किमी दूर से...
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बैंकरप्सी बिल : द इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड लोकसभा में पारित
किसी कारोबारी द्वारा बैंकों का कर्ज चुकता न किये जाने से न सिर्फ बैंकों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी कमजोर होती है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के नुकसान की भरपाई अंततः सरकारी खजाने से करनी पड़ती है. यह खजाना देश की सामूहिक आय, नागरिकों द्वारा दिये गये कर और बचत की राशि से बनता है. इसका मतलब यह है कि...
More »छत्तीसगढ़ के अधिकतर बांधों में बचा है चौथाई पानी
रायपुर(ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ के कई बांध सूख चुके हैं या कुछ सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं। प्रदेश के सभी छोटे-बड़े बांधों में फिलहाल केवल 27 फीसदी पानी रह गया है। वहीं, विभिन्न जलाशयों से नहरों के जरिए गांवों में तालाबों को निस्तारी के लिए भरने पानी छोड़ा जा रहा है, जिसकी वजह से बांधों का जल स्तर तेजी से घट रहा है। यही हालात रहे तो आने वाले दिनों...
More »गांवों में किफायती व गुणवत्तापूर्ण प्री-स्कूलिंग
यह बात वर्ष 2002 की है़ आइआइटी मद्रास से इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर इनफोसिस में नौकरी कर रहे उमेश मल्होत्रा टीवी पर एक डॉक्यूमेंट्री देख रहे थे, जो ग्रामीण परिवेश में रहनेवाले बच्चों की शिक्षा से जुड़ा था़ तब उनके मन में एक विचार आया कि क्यों न ऐसे क्षेत्रों में लाइब्रेरी की शुरुआत की जाये, जिनमें बच्चे अपनी मर्जी से किताबें लेकर उन्हें पढ़ सकें. इस योजना पर...
More »शौचालय बना, तो घर आयी बेटियां- दुर्जय पासवान
खुशखबरी. मुंबई और दिल्ली में रहती थी पीटर की दो बेटियां, नहीं आती थी गांव पालकोट प्रखंड के बरचट्टान गांव के पीटर मिंज के घर शौचालय नहीं था. घर से दूर रहनेवाली उनकी बेटियों को खुले में शौच जाने में शर्म आती थी. इसलिए दिल्ली और मुंबई से गांव नहीं आना चाहती थीं. लेकिन, वर्ष 2015 में जब पीटर ने घर में शौचालय बनवाया, तो बेटियां अपने गांव आने लगीं.पीटर के...
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