जनसत्ता 2 नवंबर, 2012: नवउदारवाद के लगभग चौथाई सदी के अनुभवों के बाद मुख्यधारा के राजनीतिक अर्थशास्त्र को बुद्ध के अभिनिष्क्रमण के ठीक पहले ‘दुख है’ के अभिज्ञान की तरह अब यह पता चला है कि दुनिया में ‘गैर-बराबरी है’, और इससे निपटे बिना मुक्ति, यानी आर्थिक-संकटों की लहरों में डूबने से बचने का रास्ता नहीं है। ‘द इकोनॉमिस्ट’ पत्रिका के ताजा अंक (13-19 अक्तूबर) में विश्व अर्थव्यवस्था के बारे में उन्नीस...
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स्कूलों में पढ़ाए जाएंगे कन्या भ्रूण हत्या व दहेज समस्या के पाठ
जयपुर.कन्या भ्रूण हत्या और दहेज प्रथा के दुष्परिणामों को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। सरकार ने गुरुवार को पीसीपीएनडीटी एक्ट को प्रभावी बनाने के लिए दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट को यह विश्वास दिलाया। राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता आरपी सिंह ने अदालत में कहा कि प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा...
More »जलवायु संकट के बादल- अतुल कुमार सिंह
जनसत्ता 26 अक्टुबर, 2012: भारत समेत दुनिया के सामने दो सबसे अहम समस्याएं भुखमरी और जलवायु संकट हैं। ये दोनों ऐसे मुद्दे हैं जिनसे न केवल मानवता के भविष्य बल्कि पूरे जीव-जगत और अंतत: दुनिया के अस्तित्व का प्रश्न जुड़ा हुआ है। विश्व भर में इन मुद्दों पर खासी चर्चा और चिंताएं भी हैं। लेकिन इनसे निपटने के लिए जो उपाय सामने आ रहे हैं उनमें न तो मुकम्मलपन दिखता है और...
More »'देसां म्हं देस हरियाणा-जित दूध दही का खाणा'
धारूहेड़ा. मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में इस समय दूध उत्पादन की वृद्धि दर 5 प्रतिशत है और हमारा लक्ष्य इसे बढ़ाकर 9 प्रतिशत करने का है। हुड्डा बुधवार को धारूहेड़ा में अमूल मोतीसागर डेयरी के उद्घाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थितजनों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा...
More »भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष का कठिन दौर-सुरेंद्र किशोर
जनसत्ता 22 अक्टुबर, 2012: भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर भी देश का लगभग पूरा राजनीतिक वर्ग आरोपितों का इन दिनों अतार्किक ढंग से बचाव करता नजर आ रहा है। कोई दल या नेता अपनी कमी या गलती मानने को आज तैयार नहीं है। सुधरने का तो कहीं से दूर-दूर तक कोई संकेत नहीं। इससे भी, भ्रष्टाचार की समस्या की गंभीरता का पता चलता है। देश के अधिकतर नेताओं के ताजा रुख...
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