बांदा, ब्यूरो। दैवीय आपदा के चलते फसल की बर्बादी और सरकारी उपेक्षा से परेशान एक और किसान की सोमवार को हार्टअटैक से मौत हो गई। किसान की बेटी की शादी दो मई को होने वाली है। घटना से परिवारीजन में कोहराम मचा है। कोतवाली क्षेत्र के ग्राम कुचेंदू निवासी गुलाब यादव सुबह अपनी पत्नी मुन्नी देवी से ओलावृष्टि से बर्बाद फसल के बारे में बात कर रहे थे तभी चक्कर...
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अंटार्कटिका की पिघलती बर्फ के हैं अहम संदेश- डा एन के सिंह
दुनिया की सरकारों द्वारा पिघलते बर्फ की दास्तान जो भले ही मानवता के ‘सरवाइवल’ से जुड़ी है, नकार दी गयी है. शायद इसीलिए विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून 2014) का जो थीम है, वह आम नागरिकों को आगाह करने पर केंद्रित है. ‘रेज योर वॉइस, नॉट द सी-लेवल’ यानी हम आवाज उठायें, हम अपना आचरण बदलें, ताकि ग्लोबल वार्मिग कम हो और समुद्र का जलस्तर का बढ़ना बंद हो. मई 2014...
More »नये मध्यवर्ग का चरित्र- पवन के वर्मा
भारत का युवा गणतंत्र संकट में है, और भारतीय मध्य-वर्ग इसमें मुखर प्रतिभागी और हाशिये पर खड़ा दर्शक बना हुआ है. इस द्वैध के कई कारण हैं. इतिहास में किसी वर्ग के लिए यह असामान्य नहीं रहा है कि वह अपने अंदर कहीं बड़ी संभावना रखता हो, लेकिन आम तौर पर उससे बेखबर हो तथा उस बड़ी भूमिका को निभाने के लिए उसकी उतनी तैयारी भी न हो. सामाजिक रूपांतरण की...
More »प्रदूषण की मार,प्राणहीन हो रही प्राणवायु
सूरज की तपिश, सड़क से निकलती गर्मी, त्वचा को जला देने वाली धूप के बीच वाहनों की चिल्ल-पों। रेड लाइट पर खड़ी कार व अन्य वाहनों से निकलता धुआं और एसी चलने के कारण निकलती गर्म हवा के कारण सांस लेना मुश्किल हो जाता है। कई बार दम घुटने जैसी हालत हो जाती है। इंतजार इस बात का रहता है कि कब रेड लाइट ग्रीन हो और वाहनों के बीच...
More »साक्षात्कार:पर्यावरण को लेकर सरकार व समाज हो जागरूक
जंगल, जमीन हवा आदि प्रदूषित होते जा रहे हैं. धरती से लेकर आकाश तक कचरों को ढेर लगता जा रहा है. इसे लेकर दुनिया भर में चिंता व्यक्त की जा रही है. यह परिस्थिति कितनी गंभीर है और इससे कैसे निबटा जा सकता है, इन विषयों पर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पर्यावरणविद डॉ अरविंद कुमार से संदीप कुमार ने बातचीत की. डॉ कुमार मगध विश्वविद्यालय, बोध गया व विनोवा भावे विश्वविद्यालय...
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