SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 2954

लोकतंत्र को दबोचता बर्बर भीड़तंत्र-- उर्मिलेश

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से महज 35 किमी की दूरी पर ग्रेटर नोएडा के एक गांव बिसायरा में सोमवार की रात कुछ लोगों ने संगठित ढंग से 50 वर्षीय अखलाक अहमद के घर पर हमला कर उसको मार डाला. अखलाक का 22 वर्षीय बेटा भी अस्पताल में जीवन-मृत्यु के बीच झूल रहा है.  एकाएक हुए इस हमले, तोड़फोड़, लूटमार और हत्या की वजह क्या थी? एक अफवाह कि अखलाक गोमांस खाता...

More »

आरक्षण पर लगातार बढ़ती उलझनें - डॉ एके वर्मा

गुजरात के पाटीदार या पटेल समुदाय के आरक्षण आंदोलन ने देश को एक बार फिर पच्चीस वर्ष पीछे धकेल दिया। 1990 के दशक में मंडल आयोग की सिफारिशें लागू हुईं और देश में आरक्षण 22.5 फीसदी से बढ़कर 49.5 फीसद हो गया, क्योंकि अनुसूचित जाति/जनजाति के अलावा अन्य पिछड़े वर्ग के लिए भी 27 फीसदी आरक्षण का कानून बन गया। देश-समाज जल उठा और जातीय आधार पर एक गहरी विभाजन...

More »

विकास की नीतियां बदलने का वक्त - यशवंत सिन्‍हा

भारत में घोषित आर्थिक सुधारों का इतिहास 24 साल पुराना है, लेकिन इन 24 वर्षों में भी सुधारों को लेकर जो विवाद हैं, वे अभी तक समाप्त नहीं हुए हैं। आज भी भूमि अधिग्रहण, श्रम कानून, जीएसटी, डायरेक्ट टैक्स (जैसे गार अथवा पिछली तिथि से लागू होने वाले कर) विदेशी पूंजी निवेश इत्यादि अनेक ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर आज भी कोई सहमति नहीं बन पाई है। जब डॉ. मनमोहन...

More »

सेहत और शिक्षा को न बनाएं धंधा-- राजीव रंजन झा

हम भारतीय आम तौर पर कुछ भी खरीदते हैं, तो मोलभाव जरूर करते हैं. मसलन, सब्जी खरीदनी हो तो जरूर पूछते हैं कि भई 40 रुपये किलो क्यों, बगल में 35 का दे रहा है, 30 की देनी है तो दो. लेकिन अगर कोई आपसे पूछे कि आपकी दो बड़ी ऐसी खरीदारी कौन-सी हैं, जिसमें आपने कोई मोलभाव नहीं किया, तो क्या जवाब देंगे? शायद आप कहेंगे कि सिनेमा टिकट...

More »

सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ एक अभियान-- पत्रलेखा चटर्जी

क्या इस देश को एक नए नारे की जरूरत है? मेरे हिसाब से यह नारा इस तरह हो सकता है-एक विवेकशील भारत। डिजिटल इंडिया और इनोवेटिव इंडिया जैसे नारे तो देश को प्रेरित करते ही रहेंगे, लेकिन इसके समानांतर देश में जो कुछ हो रहा है, उसकी अनदेखी करना बहुत खतरनाक होगा। एक तरफ तो हम लगातार आधुनिकता, विज्ञान और वैश्वीकरण की बातें करते हैं। दूसरी ओर, हमारी जनसंख्या का...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close