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सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ एक अभियान-- पत्रलेखा चटर्जी

क्या इस देश को एक नए नारे की जरूरत है? मेरे हिसाब से यह नारा इस तरह हो सकता है-एक विवेकशील भारत। डिजिटल इंडिया और इनोवेटिव इंडिया जैसे नारे तो देश को प्रेरित करते ही रहेंगे, लेकिन इसके समानांतर देश में जो कुछ हो रहा है, उसकी अनदेखी करना बहुत खतरनाक होगा। एक तरफ तो हम लगातार आधुनिकता, विज्ञान और वैश्वीकरण की बातें करते हैं। दूसरी ओर, हमारी जनसंख्या का...

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विश्‍व फॉरेस्ट्री कॉन्फ्रेंस में उठा छत्तीसगढ़ के आदिवासियों का मुद्दा

रायपुर। दक्षिण अफ्रीका के शहर डरबन में आयोजित वर्ल्ड फॉरेस्ट्री कॉन्फ्रेंस 2015 में छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की जीवन शैली और उनके मौजूदा हालात पर विचार-विमर्श किया गया। इस कार्यक्रम में राज्य के संरक्षित बैगा आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधि सुखराम बैगा, आदिवासी अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था आदिवासी वन जन अधिकार मंच की प्रतिनिधि इंदु नेताम और मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले में रहने वाली बैगा आदिवासी महिला उजियारो बाई...

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थकी-हारी, घबराई सेक्युलर राजनीति- योगेन्द्र यादव

सेक्युलरवाद हमारे देश का सबसे बड़ा सिद्धांत है। सेक्युलरवाद हमारे देश की राजनीति का सबसे बड़ा पाखंड भी है। सेक्युलरवाद अग्निपरीक्षा से गुजर रहा है। सेक्युलर राजनीति की दुर्दशा देखनी हो, तो बिहार आइए। यहां नैतिक, राजनीतिक, जातीय और संयोगों के चलते भाजपा की विरोधी बन गई सभी ताकतें सेक्युलरवाद की चादर ओढ़कर चुनाव लड़ रही हैं। उधर लोकसभा चुनाव जीतकर अहंकार में चूर भाजपा और उसके सहयोगी सेक्युलर भारत...

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‘सरकारें चाहती हैं कि संसाधनों पर जनता का कोई नियंत्रण न रहे’- मेधा पाटकर

सरदार सरोवर बांध का डूब क्षेत्र 214 किलोमीटर का है. इस परियोजना से लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं. इससे विस्थापित होने वालों में 50 प्रतिशत आदिवासी और 20 प्रतिशत से ज्यादा लोग गरीब और वंचित समुदायों के हैं. नर्मदा बचाओ आंदोलन की शुरुआत जनशक्ति के आधार पर हुई है. अब तक जो हासिल हुआ वह लंबे मैदानी संघर्ष और कानूनी लड़ाइयों की वजह से संभव हुआ है. इस आंदोलन...

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औरतों की अहमियत

बांग्लादेश की इकोनॉमी में औरतों की हिस्सेदारी 34 फीसदी है। विश्व बैंक की एक ताजा छपी रिपोर्ट 'औरत, कारोबार और कानून' के मुताबिक, बांग्लादेश सालाना छह फीसदी की अपनी मौजूदा जीडीपी की तरक्की में 1.8 फीसदी और जोड़ सकता है। अपने तजुर्बे के आधार पर हम इस तथ्य की पुरजोर वकालत करते हैं, क्योंकि अस्सी के दशक ने हमने दिखाया है कि कैसे औरतों की अगुवाई में मुल्क में रेडीमेड...

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