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मिट्टी ही मिट गई तो कहां खड़े होंगे हम - अनिल प्रकाश जोशी

मिट्टी से जुड़ी बहुत ही कहावतें हैं। इनमें एक है मिट्टी के मोल बिक जाने का मुहावरा, जो अब गलत साबित हो रहा है। अब जब मिट्टी तेजी से गायब हो रही है, तो हमें इसकी कीमत भी समझ में आ रही है। मिट्टी के खोने का सबसे बड़ा प्रमाण मानसून में मिलता है। वर्षा जल के पड़ते ही नदी, नाले, गाढ़-गदेरे जो अपना रंग बदल देते हैं, और हम...

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चाहकर भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगी इरोम शर्मिला !

मणिपुर में 16 साल तक भूख हड़ताल पर रहने वालीं इरोम शर्मीला के पास उनकी पहचान दिखाने के लिए कोई प्रूफ नहीं है। यानी इरोम के पास कोई भी ऐसी चीज या कागजात नहीं है जिससे यह साबित हो सके कि वह भारतीय ही हैं। हिंदुस्तान टाइम्स से मिली जानकारी के मुताबिक, इरोम के पास परमानेंट अकाउंट नंबर (पैन कार्ड), बैंक अकाउंट या फिर वोटर आईडी कार्ड जैसी कोई भी...

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खिल्ली तो पीएम की ही उड़ेगी!-- राजीव रंजन झा

यह आश्चर्यजनक है कि भारत अपनी प्रगति के जितने भी दावे करे, मगर इसके बहुत से कोने अब भी विकास की रोशनी से बहुत दूर हैं, अंधेरे में हैं. इन अंधेरों की जिम्मेवारी समूचे राजनीतिक नेतृत्व पर है. देश के 70वें स्वाधीनता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया कि आजादी के सात दशक बाद हाथरस के नगला फतेला गांव में बिजली पहुंच सकी,...

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शराबबंदी और केरल की कलाबाजी- एस श्रीनिवासन

केरल में शराब के शौकीन लोगों के लिए पिछला हफ्ता काफी घुमावदार रहा। गुरुवार को केरल स्टेट कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ने यह एलान किया कि वह शराब की ऑनलाइन बिक्री शुरू करेगा। जिनकी पहुंच इंटरनेट तक नहीं है, वे टेलीफोन पर बोतल का ऑर्डर कर सकेंगे। लेकिन अगले ही दिन इन शौकीनों की खुशी को ग्रहण भी लग गया, जब कोऑपरेटिव मंत्री एसी मोइदीन ने यह साफ किया कि सरकार...

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दो मोर्चों पर सबसे ज्यादा नाकाम रहे नरेंद्र मोदी-- तवलीन सिंह

रियो में फिर वही हुआ, जो अक्सर होता है भारतवर्ष के साथ ओलंपिक खेलों में। यानी छोटे-छोटे देश हमारे विशाल देश से ज्यादा पदक हासिल कर जाते हैं। इस बार दो महिलाओं ने लाज बचाई, वरना शायद खाली हाथ लौट कर आते हमारे खिलाड़ी। जैसा अक्सर होता है, जब भारतवासी दुनिया के मुकाबलों में नाकाम होते हैं, विशेषज्ञ निकल कर आए अपने बिलों से विश्लेषण करने। सो, इस बार हमको...

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