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Total Matching Records found : 1588

बढ़ती जा रही हैं भ्रष्ट बाबुओं की शिकायत

नई दिल्ली. केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा भ्रष्ट बाबुओं पर लगाम कसने के बावजूद उनके खिलाफ शिकायतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। अप्रैल में आयोग के पास 1688 शिकायतें पहुंची हैं जो पिछले माह से 533 ज्यादा हैं। वहीं, आयोग ने कुल 95 अफसरों पर जुर्माना लगाने का सुझाव दिया है। तेजी दिखाते हुए आयोग ने 1266 शिकायतों को आवश्यक कार्रवाई के लिए केंद्रीय विजिलेंस अफसरों के पास भेज दिया है। 285 शिकायतों...

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करोड़ों के मालिक हैं पत्रकार चंदन मित्रा

भोपाल। राज्यसभा की तीन सीटों के लिए होने वाले द्विवार्षिक चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस द्वारा मैदान में उतारे गए तीनों प्रत्याशियों में से सबसे अधिक धनवान भाजपा प्रत्याशी चंदन मित्रा हैं, जिनके पास कुल आठ करोड़ तैंतीस लाख बारह हजार चार सौ अड़सठ रूपए की संपत्ति है। भाजपा प्रत्याशी मित्रा एवं अनिल माधव दवे तथा कांग्रेस प्रत्याशी विजयलक्ष्मी साधो द्वारा आज यहां निर्वाचन अधिकारी एवं राज्य विधानसभा के प्रमुख सचिव एके पयासी...

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बच्चों के पोषाहार से पलते बिचौलियों के परिवार

पटना स्कूली बच्चों के पोषाहार से बिचौलियों का परिवार पल बढ़ रहा है। स्कूलों के लिए आवंटित पोषाहार का अनाज महीनों तक राज्य खाद्य निगम के गोदाम में पड़ा रहता है। यह स्थिति न केवल पटना बल्कि भोजपुर, रोहतास, कैमूर जिले सहित पूरे प्रमंडल की है। बीते अप्रैल महीने में पटना के चांदमारी रोड में करीब 15 सौ बोरे में पोषाहार का चावल जब्त किया गया। इस मामले में कंकड़बाग थाने में नामजद प्राथमिकी हुयी...

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सरकार बताए कितने खतरनाक हैं टावर?

मोबाइल टावर सीलिंग मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देशित किया कि तकनीकी और मेडिकल विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाए, जो ये पता लगाएगी कि मोबाइल टावर्स से स्वास्थ्य संबंधी क्या खतरे हो सकते हैं। अदालत ने कमेटी की जरूरत इसलिए भी जताई, क्योंकि टावर से निकली रेडियो तरंगों से नुकसान का पता लगाने का अभी कोई आकलन नहीं हुआ है। हाईकोर्ट ने कहा कि टावर्स से होने वाली आमदनी से ज्यादा...

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ग्रामीण अर्थव्यवस्था कैसे संभली रही?- पाणिनी आनंद

ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था ने भी भारत को आर्थिक संकट के दौर में स्थिर रखने में मदद दी वैश्विक आर्थिक मंदी के दौर में भारत के ग्रामीण विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बारे में जानी मानी अर्थशास्त्री जयति घोष कहती हैं कि जहां संयुक्त प्रगतिशील गंठबंधन सरकार की पहली पारी गंभीर और सकारात्मक रही, वहीं दूसरी पारी में सरकार कम गंभीर नज़र आ रही है. उनका मानना है कि सरकार की कुछ तैयारियों और बदलावों के...

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