जनसत्ता 1 अगस्त, 2013: ये दो बिलकुल अलग-अलग बातें हैं- प्रकृति का कैलेंडर और हमारे घर-दफ्तरों की दीवारों पर टंगे कैलेंडर, कालनिर्णय या पंचांग। हमारे संवत्सर के पन्ने एक वर्ष में बारह बार पलट जाते हैं। पर प्रकृति का कैलेंडर कुछ हजार नहीं, लाख-करोड़ वर्ष में एकाध पन्ना पलटता है। इसलिए हिमालय, उत्तराखंड, गंगा, नर्मदा आदि की बातें करते समय हमें प्रकृति के भूगोल का यह कैलेंडर कभी भी भूलना नहीं...
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गंगा के गुनहगार- स्वामी आनंदस्वरुप
जनसत्ता 12 जुलाई, 2012: गंगा का नाम लेने मात्र से पवित्रता का बोध होता है। यह देश की एकता और अखंडता का माध्यम और भारत की जीवन रेखा के अतिरिक्त और बहुत कुछ है। गंगा जीवनदायिनी और मोक्षदायिनी दोनों है। आज भी लगभग तीस करोड़ लोगों की जीविका का माध्यम है। मगर पिछली डेढ़ सदी से गंगा पर हमले पर हमले किए जा रहे हैं और हमें जरा भी अपराध-बोध नहीं...
More »‘‘अविरल धारा के नाम पर धर्माचार्य गंगा को शौचालय बनाये रखना चाहते हैं’
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी में हाइड्रोलिक इंजीनियरिंग के अध्यापक और सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख रह चुके वीरभद्र मिश्र देश-दुनिया में प्रमुख गंगासेवी के रूप में जाने जाते हैं. गंगा की सफाई के लिए किए गए कार्यों से प्रभावित हो कर साल 2009 में अमेरिका की प्रतिष्ठित टाइम पत्रिका ने इन्हें “हीरो ऑफ द प्लैनेट” घोषित किया. वर्तमान में वीरभद्र चौधरी तुलसीदास द्वारा स्थापित संकटमोचन हनुमान मंदिर, वाराणसी...
More »क्या इनका हश्र भी निगमानंद जैसा होगा?- मनोज रावत और महिपाल कुंवर की रिपोर्ट
गंगा को बचाने के मुद्दे पर प्रोफेसर जीडी अग्रवाल का आमरण अनशन निर्णायक दौर में पहुंच गया है. क्या केंद्र सरकार समय रहते जागेगी? मनोज रावत और महिपाल कुंवर की रिपोर्ट राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण के तीन सदस्यों के इस्तीफे ने एक बार फिर गंगा को स्वच्छ करने की महत्वाकांक्षी कवायद पर सवाल खड़े कर दिए हैं. 2008 में जब इस प्राधिकरण की स्थापना हुई थी तो लगा था कि मैली...
More »स्वच्छ यमुना के लिए ‘अन्नागीरी’ पर 74 किसान
इलाहाबाद/नई दिल्ली। यमुना की अविरल निर्मल धारा के लिए जंतर-मंतर पर साधु-संतों व किसानों का अनशन तीसरे दिन भी जारी रहा। यमुना में हथनीकुंड बैराज से पानी छोडऩे व यमुना में नालों को डालने से रोकने की मांग पर रविवार को अनशन पर बैठे साधुओं व किसानों की संख्या ७४ हो गई। शनिवार दोपहर ११ बजे के बाद से प्रदर्शनकारियों व सरकार के बीच किसी तरह का संवाद नहीं है। उम्मीद...
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