प्रदूषण आज किसी एक देश की नहीं बल्कि विश्वव्यापी समस्या है। दुनिया के बीस सबसे प्रदूषित शहरों में तेरह भारत में हैं। भारत में सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण राजधानी दिल्ली में है। दिल्ली में सांस के रोगियों और इससे मरने के मामले सर्वाधिक हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण के कारणों में एक दिवाली पर पटाखों की बिक्री पर रोक भी लगाई थी। इसका असर पड़ा तो लेकिन...
More »SEARCH RESULT
विश्व अस्थमा दिवस कल : पुरुषों की तुलना में महिलाएं अस्थमा से ज्यादा पीड़ित
बदलती जीवन शैली युवाओं के लिए खतरा बन गयी है. शहरों में खत्म होते खेल मैदान से बढ़ा इनडोर गेम्स का चलन युवाओं को अस्थामा का मरीज बना रहा है. अस्थामा के मरीजों में अब युवाओं और बच्चों की संख्या बड़ों से दोगुनी हो गयी है. विशेषज्ञों की मानें तो खेल मैदान की कमी के चलते युवा इनडोर गेम्स को प्राथमिकता दे रहे हैं. इनडोर गेम्स के दौरान घर...
More »अब हवा सांस लेने लायक नहीं
दुनियाभर में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के खतरनाक प्रभाव का विश्लेषण करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए आपातकाल' की संज्ञा दी है. वायु प्रदूषण से बड़ी संख्या में मौताें और बीमारियों से सबसे प्रभावित विकासशील अर्थव्यवस्थाएं हैं, लेकिन विकसित देश भी इससे बेअसर नहीं हैं वैश्विक जनसंख्या का 90 प्रतिशत से अधिक भाग प्रदूषित हवा में सांस लेने के लिए अभिशप्त है. यह अच्छी...
More »दुनिया की 90 फीसदी आबादी जहरीली हवा में सांस ले रही
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट में कहा कि दुनिया की 90 फीसदी आबादी जहरीली हवा में सांस लेने के लिए मजबूर है। यानी विश्व में हर 10 में से 9 लोग प्रदूषित वायु में रह रहा है। इसके मुताबिक, हर साल करीब 60 लाख लोगों की मौत प्रदूषित हवा के कारण हो रही है। अगर जल्द ही इसके खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो हालात...
More »मलेरिया मुक्त हुआ श्रीलंका, भारत के लिए अभी सपना
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने श्रीलंका को मलेरिया-मुक्त देश घोषित कर दिया है. मालदीव के बाद दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र में श्रीलंका दूसरा ऐसा देश बन गया है. कुछ दशक पहले तक श्रीलंका की गिनती सर्वाधिक मलेरिया प्रभावित देशों में होती थी, लेकिन 1990 के दशक के आखिरी दौर में इससे समग्रता से निबटने के लिए मलेरिया-रोधी अभियान शुरू किया गया. नतीजतन वर्ष 1999 में जहां इसके 2,64,549 मामले पाये गये,...
More »