-मीडियाविजिल यह तथ्य है जिससे हम आंख चुरा नहीं सकते कि आज ही के दिन महात्मा गांधी की हत्या हुई थी। और यह सच है जिससे हम आंख मिलाना नहीं चाहते कि इस हत्या के बाद हम सबने गांधी के विचारों की हत्या लगातार की है। अपनी हत्या के बाद गांधी इस देश के नेताओं की जुबान पर रहे। कुछ ने उनके नाम को मीठी गोली की तरह चुभलाया, जिससे उनकी राजनीति...
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जैसा बताया जाता है, क्या नेताजी और महात्मा गांधी के बीच वैसी ही दूरियां थीं?
आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिवस पर जब आप ये शब्द पढ़ रहे होंगे, उसी समय सोशल मीडिया से लेकर अन्य मंचों पर नेताजी के बरक्स महात्मा गांधी की भी चर्चा चल रही होगी. ठीक है कि भारत की आज़ादी का कोई भी विमर्श महात्मा गांधी का नाम लिए बिना पूरा नहीं हो पाता. लेकिन आज नेताजी को महात्मा के खिलाफ ऐसे ही खड़ा किया जा रहा है मानो...
More »चिंतित करतीं तीन घटनाएं-- आशुतोष चतुर्वेदी
पिछले दिनों तीन गंभीर घटनाएं हुईं. ये घटनाएं हम सबके लिए चिंताजनक हैं, क्योंकि ये संकेत देती हैं कि देश किस दिशा में जा रहा है. ये घटनाएं बताती हैं कि अविश्वास का भाव कितने गहरे तक जा पहुंचा है. इन घटनाओं से सीधे तौर से हम और आप जैसे आम लोग जुड़े हैं, प्राथमिक रूप से इनसे कोई राजनेता नहीं जुड़ा है. पहली घटना में ईद मनाने के बाद...
More »दुनिया में सबसे अधिक हथियार खरीदता है अहिंसा का पुजारी भारत
नयी दिल्ली : भारत अहिंसा का पुजारी देश माना जाता है, लेकिन यह जानकर हर कोर्इ चौंक जायेगा कि अहिंसा के पुजारी देश में दुनिया का सबसे अधिक हथियार खरीदा जाता है. भारत में हथियार बनाने की तमाम योजनाओं के बावजूद आज भी भारत दुनिया का सबसे ज्यादा हथियार खरीदने वाला देश बना हुआ है. हाल ही में 'इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट' की आेर से जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक,...
More »मोहनदास से महात्मा तक--- श्रीभगवान सिंह
आमतौर पर यह धारणा प्रचलित है कि गांधीजी को पहली बार ‘महात्मा' से संबोधित किया रवींद्रनाथ ठाकुर ने। लेकिन धर्मपालजी अपनी पुस्तक में बताते हैं कि दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस आने पर गांधी को पहली बार ‘महात्मा' के रूप में संबोधित किया गया 21 जनवरी 1915 को, गुजरात के जेतपुर में हुए नागरिक अभिनंदन समारोह में। इसमें प्रस्तुत अभिनंदन पत्र में ‘श्रीमान महात्मा मोहनदास करमचंद गांधी' जैसे आदरसूचक शब्दों...
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