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लोकतंत्र और विशेषाधिकार

-आउटलुक, “नागरिक अधिकारों, स्वतंत्रताओं को सीमित और सत्ता-प्राप्त व्यक्तियों के अधिकारों को व्यापक बनाया जा रहा” यूरोप में लोकतंत्र और लोकतांत्रिक चेतना का उदय और विकास एक लंबी संघर्ष-प्रक्रिया के दौरान हुआ लेकिन भारत में स्वाधीनता प्राप्ति के बाद लोकतंत्र की राजनीतिक प्रणाली को ऐसे समाज पर थोप दिया गया, जो अभी तक मध्यकालीन मूल्य-व्यवस्था और सामंती चेतना से मुक्त होने के लिए छटपटा रहा था। सामाजिक संरचना की प्राथमिक इकाई परिवार...

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“दलित हर देश और समाज में हैं”

-आउटलुक, “भारतीय विद्वान डॉ. सूरज येंग्ड़े और उनके मेंटॉर अफ्रीकी-अमेरिकी दार्शनिक और बौद्धिक प्रो. कॉर्नेल वेस्ट एक लंबी दलित-अश्वेत एकजुटता की परंपरा से आते हैं। यहां दोनों ने भावी आजादी, इसके संभावित आकार, ढांचे और रंग पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। आउटलुक के सुनील मेनन के साथ वीडियो चर्चा में बी.आर. आंबेडकर और डू बॉयस जैसे राजनीतिक विचारकों के संबंधों के परिप्रेक्ष्य में हमने उन्हें अश्वेत जीवन के महत्व (ब्लैक...

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विकास, समृद्धि और वृद्धि के मामले में महामारी के दौरान विश्व का अग्रणी बनने की दौड़ में चीन के मुकाबले भारत पिछड़ा!

पिछले एक वर्ष के दौरान, कोविड-19 महामारी द्वारा लाई गई मंदी की बदौलत विकास, समृद्धि और वृद्धि के मामले में विश्व का अग्रणी बनने की दौड़ में भारत पिछड़ता नजर आ रहा है. साल 2020 में देश में कुल गरीब लोगों की संख्या बढ़ गई है और मध्यम वर्ग पहले की तुलना में कम हो गया है. संयुक्त राज्य अमेरिका के थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर के एक नए अध्ययन से...

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लोकतंत्र के अंतरराष्ट्रीयकरण का मिथक

-न्यूजक्लिक, जब कभी भी लोकतंत्र का अपने घर में घेराव होता है, लोकतंत्र के हिमायती, उससे प्रेम करने वाले लोग नैतिक समर्थन पाने के लिए अपनी परिधि के पार देखने लगते हैं। अभी-अभी विश्व सूचकांक में स्वतंत्रता की एक रिपोर्ट जारी हुई है, और इसलिए कोई हैरत नहीं कि इसने भारत में लोकतंत्र को चाहने वाले सभी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। यह विश्व सूचकांक अमेरिका की 80...

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कोविड-19 के बाद आर्थिक असमानता की ओर देश के बढ़ते कदम!

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा अक्टूबर 2020 में जारी द वर्ल्ड इकोनोमिक आउटलुक नामक छमाही प्रकाशन ने अनुमान लगाया है कि 1990 के दशक के बाद से देशों द्वारा गरीबी को कम करने के लिए की गई आर्थिक प्रगति सर्वव्यापी महामारी कोविड -19 से प्रभावित हुई है. यह तय है कि कोविड-19 के बाद भी आर्थिक असमानता में बढ़ोतरी होगी क्योंकि संकट ने महिलाओं, अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों और कम...

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