खाद्य पदार्थो की लगातार बढ़ती कीमतों ने आम आदमी का जीना मुहाल कर रखा है. इस मूल्य वृद्धि को अकसर मांग और आपूर्ति के बीच असंतुलन से जोड़ कर देखा जाता है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि देश में खाद्यान्नों के उत्पादन में लगातार वृद्धि हुई है. फिर क्या वजह है खाद्य पदार्थो के मूल्य में होनेवाली वृद्धि की? क्या इसके पीछे जमाखोरों और सट्टेबाजों का हाथ है? आखिर किस...
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चावल खराब बता लेने से इनकार एफसीआइ का धोखा प्रदेश को नुकसान
पटना: भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) की बिहार में लेवी का चावल लेने के लिए आनाकानी से राज्य को 15 करोड़ की चपत लगेगी. एफसीआइ ने क्वालिटी खराब होने के नाम पर 68 हजार 662 क्विंटल चावल लेने से इनकार किया है. राज्य सरकार किसानों से धान की खरीद कर राज्य के मिलरों से कुटाई करा एफसीआइ के हाथों चावल बेचती है. राज्य सरकार ने 2012-13 में किसानों से 19 लाख 46 हजार...
More »1.37 करोड़ गरीबों को दुर्गा पूजा में राशन नहीं
पटना: पटना जिले के फतुहा प्रखंड के अलावलपुर गांव के राजेंद्र दास को जून के बाद का राशन नहीं मिला है. राजेंद्र दास जैसे लाखों परिवारों को पिछले दो माह से राशन नहीं मिल सका है. राज्य के 1.37 करोड़ गरीबों की दुर्गापूजा राशन के बगैर मनेगी. जनवितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों से अधिकतर जिलों में सितंबर का भी राशन नहीं बंटा है. कई जिलों में तो जुलाई व अगस्त का भी राशन...
More »405 करोड़ का धान लिया, नहीं दिया चावल
पटना: राइस मिल मालिकों ने राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) को 405 करोड़ से अधिक राशि के धान से चावल तैयार कर नहीं लौटाया है. 2011-12 में किसानों से धान खरीद कर 1091 मिल मालिकों को चावल तैयार करने के लिए दिया गया था. इन्हें 100 क्विंटल धान के बदले 67 क्विंटल चावल (67 प्रतिशत) तैयार कर देना था. मिल मालिकों ने धान तो ले लिया, लेकिन 28 लाख 42 हजार 355 क्विंटल...
More »पहले नहीं अंत में खाते हैं शिक्षक
बिहार के मशरक प्रखंड में मिड -डे मिल खाने से हुई 23 बच्चों की मौत के बाद इस योजना को लेकर राष्ट्रीय बहस छिड़ी हुई है. देश के विभिन्न भागों से पहले भी मध्याह्न् भोजन खाने से मौत की खबरें आती रही हैं. लेकिन, बिहार की घटना अब तक की सबसे बड़ी घटना बतायी जा रही है. इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि इस घटना...
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