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महानदी: 86 सालों बाद भी क्यों नहीं सुलझ पा रहा छत्तीसगढ़, ओडिशा जल विवाद

मोंगाबे हिंदी, 21 अगस्त  बारिश के इस मौसम में छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाइगढ़ ज़िले के कलमा बैराज के दोनों तरफ़ पानी नज़र आ रहा है। लेकिन दो-तीन महीने पहले तक तस्वीर ऐसी नहीं थी। छत्तीसगढ़ के जल संसाधन विभाग ने कलमा बैराज के अपने सारे गेट बंद कर रखे थे, जिसके कारण छत्तीसगढ़ के हिस्से वाली नदी में तो दूर-दूर तक अथाह पानी नज़र आ रहा था लेकिन ओडिशा की तरफ़ नदी,...

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खरीफ सीजन 2023: बुआई में सुधार के बावजूद 2021 के मुकाबले 21 लाख हेक्टेयर घटा रकबा

डाउन टू अर्थ, 10 अगस्त  जुलाई के दूसरे पखवाड़े के दौरान हुई बारिश के कारण बेशक खरीफ सीजन की फसलों की बुआई के आंकड़ों में सुधार आया है, लेकिन अभी भी साल 2021 के मुकाबले 21.22 लाख हेक्टेयर में फसलों की बुआई कम हुई है। खासकर बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में फसलों की बुआई पर बड़ा असर दिख रहा है। केंद्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग के आंकड़ों के मुताबिक...

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‘बेटी बचाओ’ के नारे के बीच 3 साल के भीतर गायब हुईं 13 लाख से ज्यादा महिलाएं और बच्चियां!

गाँव सवेरा, 31 जुलाई देश में 2019 से 2021 के बीच तीन साल के भीतर 13.13 लाख लड़कियां और महिलाएं लापता हुई हैं जिनमें से सबसे अधिक मध्यप्रदेश की हैं. लापता महिलाओं की संख्या के लिहाज से पश्चिम बंगाल दूसरे स्थान पर है. वहीं केंद्र शासित राज्यों में दिल्ली जम्मू के बाद चंडीगढ़ में सबसे ज्यादा महिलाएं और बच्चियां लापता हुई हैं. चंडीगढ़ में 4590 बच्चियां और महिलाएं लापता हुई हैं. गृह...

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ओडिशा में जेएसडबल्यू के प्रोजेक्ट पर एनजीटी ने लगाई रोक, प्रदर्शनकारियों को राहत

मोंगाबे हिंदी, 26 जुलाई राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने ओडिशा के जगतसिंहपुर जिले के पारादीप बंदरगाह पर जिंदल स्टील वर्क्स की सहायक कंपनी जेएसडब्ल्यू उत्कल की परियोजना को दी गई पर्यावरण मंजूरी (ईसी/EC) पर इस साल 20 मार्च को रोक लगा दी। इस अदालती आदेश से पीड़ित समुदायों को कुछ राहत मिली। वहीं  24 मार्च को ओडिशा उच्च न्यायालय से एक और आदेश आया। इसमें वन अधिकारों से जुड़े मुद्दे हल...

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ओड़िशा के कंधमाल में कई परिवारों का पेट पालता है ये मुर्गा

गाँव कनेक्शन, 20 जून ओड़िशा के कंधमाल के सिरुबल्ली गाँव की कैफुला को इंतज़ार है अपने कड़कनाथ के वज़न बढ़ने का। बच्चों की तरह उसकी सेवा की है। अब वो बड़ा होकर उनका सहारा बनेगा। सिर्फ ढाई किलो भी अगर वज़न हो गया तो 700 रुपए तक वो कैफुला को अपने दम पर दिला देगा। जी हाँ, ये कड़कनाथ कोई और नहीं बल्कि एक मुर्गा है। कोंध जनजाति की कैफुला ने...

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