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वेदांता ने गोवा में अपने लौह निर्माण प्लांट चलाने के लिए पर्यावरण क़ानूनों को ताक़ पर रख दिया है

द वायर, 12 सितम्बर भारत में पर्यावरण की रक्षा के लिए दर्जनों नियम और कानून हैं, साथ ही एक पर्यावरण मंत्रालय, केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यावरण मामलों के लिए एक विशेष अदालत, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भी हैं. फिर भी एक अरब डॉलर की कंपनी को एक दशक तक प्रदूषण को नियंत्रित करने में विफल रहने और गलत रिपोर्ट देने के बावजूद उसके लौह निर्माण के काम का विस्तार...

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जानिए क्यों एनजीटी ने महाराष्ट्र पर लगाया 12,000 करोड़ का जुर्माना

डाउन टू अर्थ, 12 सितम्बर   नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने महाराष्ट्र पर 12,000 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। गौरतलब है कि एनजीटी ने यह जुर्माना तरल अपशिष्ट, सीवेज और लम्बे समय से जमा कचरे का ठीक से निपटान न करने के लिए लगाया है। कोर्ट के आदेशानुसार इस राशि को अगले दो महीनों के भीतर जमा करना है, जिसे पर्यावरण की बहाली के लिए खर्च किया जाएगा। कोर्ट के अनुसार राज्य...

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खबरदार

  खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...

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नए कीटनाशक प्रबंधन विधेयक से पर्यावरण और जनता को नुकसान, कारोबारियों को फायदा

-कारवां, महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में 6 अगस्त 2021 की रात 42 साल के एक किसान की कीटनाशक जहर से मौत हो गई थी. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, विनोद मसराम चव्हाण अपनी कपास की फसल को घातक गुलाबी बॉलवर्म से बचाने के लिए कीटनाशक नुवाक्रॉन का छिड़काव करते समय उसके संपर्क में आ गए थे. कीटनाशक में मोनोक्रोटोफोस होता है जो एक जहरीला कंपाउंड है. यह अंतरराष्ट्रीय...

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सरकार ने करोड़ों ख़र्च किए, लेकिन पंजाब में पराली जलाने का व्यावहारिक विकल्प खोजने में विफल रही

-द वायर, पराली जलाने की समस्या का समाधान करने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले चार सालों में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की है, लेकिन इसके बावजूद दिल्ली-एनसीआर, पंजाब और हरियाणा की वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी रही है. इस राशि में से 1,050.68 करोड़ रुपये पंजाब को दिए गए थे, लेकिन यहां अभी भी भारी तादाद में खेतों में पराली जलाए जा रहे हैं. पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी)...

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