-कारवां, मध्य प्रदेश के भोपाल के रहने वाले प्रणय नरवारे बताते हैं कि उनकी मां ने 15 सितंबर को कोविड का टीका लगाया था लेकिन टीकाकरण केंद्र ने उस दिन इसे कोविन पोर्टल पर अपडेट नहीं किया. "अगले दिन जब मेरी मां ने उनसे संपर्क किया, तो उन्हें बताया गया कि उनका नाम महाअभियान के लिए अलग रखा गया है. मां को यह भी कहा गया कि वह सर्टिफिकेट के लिए 17...
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देश की जरूरत को अनदेखा कर भारत में निर्मित जॉन्सन एंड जॉन्सन वैक्सीन की 60 करोड़ खुराक पश्चिमी देशों को देने की तैयारी?
-कारवां, ऐसे समय में जब भारत अपने ही नागरिकों का टीकाकरण पर्याप्त रूप से नहीं कर पा रहा है, हैदराबाद में निर्मित जॉन्सन एंड जॉन्सन सिंगल-शॉट टीकों की 60 करोड़ खुराकें यूरोप तथा अमेरिका को निर्यात करने पर विचार हो रहा है. इस बात को लेकर नागरिक समाज चिंतित है. यहां सितंबर में लगभग हर दिन कोरोना के 30 से 40 हजार नए मामले दर्ज किए गए हैं. अब तक देश की केवल 14...
More »कोविड-19 राष्ट्रीय टास्क फोर्स के प्रमुख विनोद पॉल के काम से असंतुष्ट विशेषज्ञ
-कारवां, इस महामारी से निपटने में भारत के जो प्रयास थे उनकी छानबीन विनोद के॰ पॉल की भूमिका के अध्ययन के बिना नहीं की जा सकती. राष्ट्रीय टॉस्क फोर्स का नेतृत्व करने के अलावा पॉल नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप आन वैक्सिन एडमिनिस्ट्रेशन के भी अध्यक्ष हैं. यह ग्रुप देश में कोविड-19 के टीकाकरण कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करता है और देशभर में टीके की व्यवस्था करने से संबंधित निर्णय लेता है. नीति आयोग...
More »कोविड-19 संक्रमण के बीते एक दिन में 39,070 नए मामले और 491 मरीज़ों की मौत
-द वायर, भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 39,070 नए मामले सामने आने से संक्रमण के मामले बढ़कर 3,19,34,455 हो गए, जबकि 491 और लोगों के जान गंवाने से मृतक संख्या 4,27,862 हो गई. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों यानी सक्रिय मामलों की संख्या कम होकर 4,06,822 हुई, जो संक्रमण के कुल मामलों का 1.27 प्रतिशत है. कोरोना वायरस से...
More »COVID-19 की पहली लहर के दौरान ग्रामीण बिहार में अधिकांश परिवारों को आजीविका संकट का सामना करना पड़ा!
मोनाश विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया में सेंटर फॉर डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स एंड सस्टेनेबिलिटी के अर्थशास्त्रियों और नई दिल्ली स्थित मानव विकास संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से किए गए एक सर्वेक्षण आधारित शोध के अनुसार, महामारी की पहली लहर ने पिछले साल बिहार में ग्रामीण श्रमिकों (स्व-रोजगार सहित) की आजीविका पर विनाशकारी प्रभाव डाला था. अध्ययन के लेखकों द्वारा जारी एक हालिया प्रेसनोट से पता चलता है कि पिछले साल ग्रामीण बिहार में आजीविका...
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