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डाउन टू अर्थ ग्राउंड रिपोर्ट: तिलहन की एक ऐसी फसल, जो हो रही है विलुप्त

डाउन टू अर्थ, 19 अक्टूबर खरीफ विपणन सीजन के शुरू होने से पहले हर साल जिन प्रमुख 14 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जारी होता है, उसमें तिलहन की एक ऐसी फसल का नाम भी होता है, जिसके बारे में ज्यादातर लोग बहुत कम जानते हैं। इसे रामतिल (नाइजर सीड) कहा जाता है। एमएसपी के मामले में रामतिल दूसरी सबसे महंगी फसल है। दिलचस्प बात यह है कि जहां एक...

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एमएसपी से नीचे पहुंचीं मूंगफली की कीमतें, तिलहन किसानों को भारी नुकसान की आशंका

एबीपी न्यूज, 16 अक्टूबर खरीफ सीजन की फसलें कटाई होकर मंडियों में आना शुरू हो गई हैं. किसान त्योहारी सीजन से पूर्व फसलों को बेच कर रबी सीजन की बुवाई भी करना चाहते हैं. इस बीच तिलहन फसलों (Oilseed Crop) के भावों में गत 8-10 माह में 20 से 40  प्रतिशत तक की गिरावट ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. खरीफ सीजन के दौरान मारवाड़ में जहां मूंगफली (Groundnut), वहीं...

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चावल के उत्पादन में 6 फीसदी गिरावट का अनुमान, सात साल बाद थमा बंपर उत्पादन का सिलसिला

डाउन टू अर्थ, 22 सितम्बर सात साल बाद खरीफ सीजन में खाद्यान्न के उत्पादन में गिरावट का अनुमान लगाया गया है। अनुमान है कि कुल खाद्यान्न में 4 प्रतिशत और चावल के उत्पादन में चावल के उत्पादन में 6 फीसदी की गिरावट का अनुमान है। 21 सितंबर 2022 को केंद्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय ने वर्ष 2022-23 के दौरान खाद्यान्न उत्पादन का पहला अनुमान जारी किया, जो केवल खरीफ सीजन के...

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अंतिम पड़ाव पर पहुंचा खरीफ सीजन, धान-दलहन का रकबा घटा

डाउन टू अर्थ, 8 सितम्बर खरीफ सीजन की बुआई का समय लगभग समाप्त हो गया है, लेकिन अभी भी पिछले साल के मुकाबले लगभग 22.90 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई नहीं हो पाई है। वहीं दलहन की बुआई भी पिछड़ी हुई है। सबसे अधिक प्रभावित राज्य झारखंड है। यहां लगभग 55 प्रतिशत क्षेत्र में धान की रोपाई नहीं हो पाई है और किसानों ने धान की रोपाई की उम्मीद ही छोड़...

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मीडिया की सुर्ख़ियों से गायब है अनाजों में बढ़ती 'महंगाई दर' की बात!

कुछ राज्यों में मानसून देरी से आया है इस कारण बोये गए चावल का इलाका पिछले वर्ष की तुलना में कम हुआ है. आंकड़ो में कहें तो 29 जुलाई,2022 तक 231.59 लाख हेक्टेयर रकबे में ही चावल बोये गए हैं जोकि पिछले वर्ष के इसी समय काल की तुलना में कम (267.05 लाख हेक्टेयर) है. बोये गए चावल के इलाके में आयी कमी सहित अन्य कारणों से अनाजों के दामों में महंगाई बढ़ने का डर...

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