सरकार की पुरजोर कोशिश है कि भारत वैश्विक विनिर्माण का गढ़ बन जाए। इसके लिए 'मेक इन इंडिया के तहत बहुराष्ट्रीय कंपनियों को देश में फैक्ट्रियां लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि रोजगार के अवसर सृजित हों और लोगों की आमदनी बढ़े। इस दिशा में सरकार ने दो महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पहला कदम वित्तीय घाटे पर नियंत्रण का है। सरकार द्वारा आय से अधिक खर्च करने...
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कब कमर कसेगी सरकार-- शंकर अय्यर
आप इसे बजट राग कह सकते हैं, जो पैसे के मूल मंत्र पर केंद्रित है। बजट के मौसम में सरकारी विचार कक्ष में पैसे के बारे में काफी चर्चा होती है। इस बार भी चर्चा हो रही है कि सरकार को राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करना चाहिए या उसकी चिंता छोड़ देनी चाहिए। चर्चा इस पर भी है कि किसे दर्द सहना चाहिए और किसे फायदा होगा। विकास का सिद्धांत...
More »अपनी तबाही रचते शहर- अनिल पद्मनाभन
भारत उन 163 देशों की सूची में सबसे ऊपर है, जिनके बाशिंदे हर साल सबसे अधिक बाढ़ की मुसीबतें झेलते हैं। हाल के दिनों में चेन्नई, श्रीनगर, मुंबई जैसे शहरों में सैलाब से तबाही का जो मंजर हमने देखा, उसके लिए बहुत हद तक दोषी हमारा गैर-जिम्मेदाराना रवैया और अनियोजित शहरीकरण है। मिन्ट के डिप्टी मैनेजिंग एडिटर अनिल पद्मनाभन का विश्लेषण चेन्नई में आई बाढ़ अब उतार पर है। इस त्रासदी...
More »भोपाल गैस त्रासदी: 31 साल पूरे, इंसाफ का इंतजार अब भी
भोपाल गैस त्रासदी को आज 31 साल पूरे हो चुके हैं लेकिन इससे प्रभावित हुए भोपाल और उसके आसपास के लोगों और पीड़ितों को अभी भी इंसाफ के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। आज से ठीक 31 बरस पहले 2 और 3 दिसंबर, 1984 की रात को भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड के कारखाने से जहरीली गैस रिसाव से समूचे शहर में मौत का तांडव मच गया था। उस रात लगभग...
More »भारत में गरीबी के खिलाफ लड़ाई- सिद्धार्थ जॉर्ज एवं अरविंद सुब्रमण्यन
बच्चों को स्कूल भेजने और उनके टीकाकरण की शर्त पर गरीब परिवारों को नकद हस्तांतरण योजना ने भारत में गरीबी घटाने और मानव स्वास्थ्य में सुधार का प्रभावी रास्ता दिखाया है। लैटिन अमेरिका को सशर्त नकद हस्तांतरण योजना का जन्मदाता माना जाता है;1990 के दशक के उत्तरार्ध में मैक्सिको में इसकी शुरुआत हुई और अगले एक दशक में यह पूरे ब्राजील में फैल गई। भारत में गरीबी दूर करने में...
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