जी न्यूज़, 13 नवम्बर राजस्थान के डूंगरपुर जिले में दोवडा पंचायत समिति और जिला परिषद की महात्मा गांधी नरेगा योजना में बड़ी लापरवाही सामने आई है. दोवडा पंचायत समिति की 15 पंचायतों के सैकड़ो मनरेगा श्रमिकों को दिसम्बर 2021 की 75 लाख से अधिक की मजदूरी का भुगतान आज तक नहीं हो पाया है. बार-बार तकाजे के बाद भी मजदूरों को राहत नहीं मिली. वहीं अब मामला लोकपाल के पास पहुंचने के...
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क्या है जो भारत में तैयार कर रहा है गरीब
डाउन टू अर्थ, 19 अक्टूबर संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और ऑक्सफोर्ड गरीबी और मानव विकास पहल (ओपीएचडीआई) द्वारा जारी नवीनतम वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) 2022 के मुताबिक भारत ने 2005-06 और 2019-21 के बीच बहुआयामी गरीबी से करीब 41.5 करोड़ लोगों का उत्थान किया है। देखा जाए तो यह एक ऐतिहासिक बदलाव है। यदि इस सूचकांक, एमपीआई 2022 की बात करें तो यह आय संबंधी गरीबी के साथ-साथ तीन अन्य...
More »बात सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की!
क्या इस देश को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की जरूरत है? जिस मकसद को लेकर इन बैंकों का गठन किया गया था क्या वो पूरा कर पा रही हैं? क्या पब्लिक सेक्टर के बैंक निजी क्षेत्र के बैंकों के साथ कुशलतापूर्वक प्रतिस्पर्धा कर पा रही हैं? आज के न्यूज़ अलर्ट समाचार में इन्हीं प्रश्नों का उत्तर ढूंढने की कोशिश करेंगे– सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कुशलता– रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एक...
More »मनरेगा का पैसा चाहिए तो दीजिए पांच सवालों के जवाब- मंत्री गिरिराज सिंह ने राज्यों को दिलाया याद
जनसत्ता, 14 सितम्बर केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को पत्र लिखकर याद दिलाया है कि उन्हें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 (मनरेगा) के तहत धन प्राप्त करने के लिए मंत्रालय द्वारा निर्धारित संकेतकों के अनुपालन को दर्शाने वाली कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। जिन पांच संकेतकों का राज्यों का पालन करने के लिए कहा गया है। उनमें सोशल ऑडिट, लोकपाल, नेशनल मोबाइल...
More »गरीबी और असमानता
[inside] इंडिया में आर्थिक असमानता: “अरबपति राज” में ब्रिटिश राज से भी ज्यादा है असमानता - रिपोर्ट [/inside] इंडिया के भौगोलिक आकार और जनसंख्या, जो अब दुनिया में सबसे अधिक है, को देखते हुए इंडिया में आर्थिक विकास का वितरण विश्व की आर्थिक असमानता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। इसलिए इंडिया में आय और संपत्ति की असमानता को सटीक रूप से मापना अत्यधिक आवश्यक है। हाल ही में वर्ल्ड इनइक्वलिटी डाटाबेस ने...
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