डाउन टू अर्थ, 29 नवम्बर कलड़वास राजस्थान के उन कुछ गांवों में से एक है, जहां घर-घर जाकर सभी 710 घरों से कूड़ा इकट्ठा किया जाता है। इस कार्य के लिए ग्राम पंचायत ने 8,000 रुपए प्रति माह के वेतन पर दो पूर्णकालिक कूड़ा उठाने वाले लोगों को नियुक्त किया है। पंचायत ने हाल ही में जिला प्रशासन के सामने कूड़े को रिसाइकल करने वाली मशीनों को लगाने के लिए एक वित्तीय...
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संरक्षण के लिए यूरेशियन लिन्क्स पर ज्यादा रिसर्च की जरूरत
मोंगाबे हिंदी, 29 नवम्बर इस साल फरवरी में लद्दाख में कुत्तों से घिरी जंगली बिल्ली का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। कई समाचार संगठनों ने इस क्लिप को अपने ‘वायरल वीडियो‘ सेक्शन में पब्लिश किया। इस वीडियो पर आए कमेंट्स में लोग इस जंगली जानवर के बारे में जानने को उत्सुक थे। कुछ अनुमान सही नहीं थे और उनका कहना था कि यह घरेलू कुत्ते और...
More »जलवायु और खाद्य सुरक्षा के लिए भोजन की हानि और बर्बादी से निपटना
मोंगाबे हिंदी, 24 नवम्बर भले ही भोजन की हानि और बर्बादी को कम करके खाद्य सुरक्षा में सुधार लाया जा सकता है, लेकिन जरूरी नहीं कि इससे पर्यावरण को भी फायदा पहुंचेगा। नेचर फूड में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन से यह बात निकलकर सामने आई है। अध्ययन में कहा गया है कि बर्बादी और हानि को कम करने से भोजन की लागत में कमी आएगी, जिससे यह सस्ता और आसानी उपलब्ध...
More »खतरे में हैं हिल स्टेशन: असंवेदनशील योजनाओं का दंश झेल रहे हैं पहाड़ी शहर
डाउन टू अर्थ, 06 नवम्बर हिमालयी राज्यों के शहर और कस्बे इस वक्त त्रासदी के नए अड्डे बन गए हैं। 2023 के मॉनसून में हिमाचल में शिमला और अन्य शहरों में जान-माल की तबाही इसका जीता-जागता उदाहरण है। इससे पहले उत्तराखंड के जोशीमठ में घरों के धंसाव ने इसके नाजुक होने की निशानी पेश की। जरूरत से ज्यादा आबादी, भवन और सालाना पर्यटकों के बोझ से दब और बिखर रहे इन...
More »खतरे में हिल स्टेशन: क्या जोशीमठ के 'सबक' आ सकते हैं काम?
डाउन टू अर्थ, 3 नवम्बर मॉनसून 2023 बीत चुका है और हर सीजन की तरह यह मॉनसून हिमालयी राज्यों को नए जख्म दे गया। बल्कि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम को तो ऐसे जख्म दे गया कि जो कई साल तक सालते रहेंगे। साल 2023 की शुरुआत जोशीमठ आपदा से शुरू हुई थी। जोशीमठ ने देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा। इसके बाद मॉनसून के दौरान हिमाचल...
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