बिक्री लायक पदार्थो को ‘पण्य’(माल) कहा जाता है और उनके संग्रह को ‘संपत्ति’. आधुनिक समाज में संपत्ति को मूल्यों (रुपयों) में आंका जाता है. मैं अगर करोड़पति हूं, तो मेरी संपत्ति का मूल्य करोड़ों रुपयों में है. दुनिया में जितनी भी संपत्ति है, उनके मूल में हैं प्राकृतिक संसाधन. मेहनत, बुद्धि और मशीनों के द्वारा प्राकृतिक संसाधनों से विभिन्न पण्य वस्तुओं को बनाया जाता है. मशीनें भी खनिज धातु यानी प्राकृतिक...
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महान लोकतंत्र की सौतेली संतानें- अतुल चौरसिया
नर्मदा और टिहरी की जो वर्तमान त्रासदी है उत्तर प्रदेश का सोनभद्र जिला उससे आधी सदी पूर्व ही गुजर चुका है. लेकिन इसका दुर्भाग्य कि नर्मदा, टिहरी के मुकाबले विनाश के कई गुना ज्यादा करीब होने के बावजूद यह आज कहीं मुद्दा ही नहीं है. शायद इसलिए कि सोनभद्र के पास कोई मेधा पाटकर या सुंदरलाल बहुगुणा नहीं हैं. अतुल चौरसिया की रिपोर्ट. फोटो: शैलेंद्र पांडेय. सोनभद्र को देखकर पहली नजर...
More »इन बच्चों का क्या कसूर?- हर्षमंदर
गरीबों के बच्चे मवेशी चराते हैं और चटाई बुनते हैं, वे शहर के कूड़ागाहों और ट्रैफिक सिगनल्स पर पाए जाते हैं, ईंट-भट्टे और कोयला खदानें आमतौर पर उनके काम करने की जगहें होती हैं। जब हमारे बच्चे स्कूलों में पढ़ाई करने जाते हैं, तब गरीबों के बच्चे रोजी-रोटी के लिए मशक्कत कर रहे होते हैं। लेकिन बड़ी अजीब बात है कि हमने महज इस संयोग के आधार पर इन बच्चों की इस...
More »कोयला खदानों में बंदरबांट, 10 लाख करोड़ का घोटाला
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने नवीनतम रिपोर्ट में कोयला खदानों में हुए बंदरबांट का खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक कोयला खदानों में नीलामी प्रक्रिया का पालन नहीं करने के चलते सरकारी खजाने को करीब 10.67 लाख करोड़ रुपए की चपत लगी। नुकसान की यह रकम 2जी घोटाले की रकम से 6 गुना ज्यादा है। बिना नीलामी कोयला खदानों का आवंटन एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक 2004 से...
More »तुम केवल एक छवि हो?- गोपालकृष्ण गांधी
‘तुमि की केबोलि छोबि?’ (तुम क्या केवल एक छवि हो?) कविगुरु रबींद्रनाथ टैगोर अपनी एक रचना में अपने सामने रखी एक छवि से पूछते हैं। उस प्रश्न का संदर्भ अपने में कुछ है। प्रश्न का उत्तर भी, जो कि वे स्वयं देते हैं, अपने में मौलिक है। दो हजार ग्यारह के अपने इस अंतिम स्तंभ में वही प्रश्न मैं, अदना-सा एक इंसान, भारत माता की छवि से पूछना चाहता हूं...
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