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फसल अवशेषों के अनुमान के साथ आसान हो सकेगा बायो ऊर्जा उत्पादन: रिपोर्ट

मोंगाबे हिंदी. 7 अगस्त हाल ही मे हुए एक अध्ययन में दावा किया गया है कि फसलों के अवशेषों से बायो ऊर्जा का उत्पादन करने की भारत की क्षमता पहले के अनुमान से कम है। यह सालाना 1313 पेटाजूल्स (PJ) (1 PJ = 277778 मेगावाट) बायोएनर्जी बनाने की क्षमता का सुझाव देता है, जो 1738 से 4150 PJ तक के पहले के अनुमान से कम है। हालांकि, अध्ययन जिले और अलग-अलग...

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पिछले साल गर्मी और अब भारी बारिश, गेहूं की फसल पर फिर मौसम की मार

मोंगाबे हिंदी, 25 मई इस साल मार्च में हुई भारी बारिश के चलते कई राज्यों में गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है। पिछले साल भीषण गर्मी के चलते गेहूं उत्पादन पर असर पड़ा था। इस वजह से केंद्र सरकार भी नुकसान की समीक्षा कर रही है। घरेलू आपूर्ति में कमी की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने गेहूं का निर्यात फिर शुरू करने से इंकार कर दिया है।...

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पी.वी. सतीश : लीक से हटकर लकीर खींचने वाले शख्स

बिना शोरगुल मचाए उसने काम किया। न काम का श्रेय लिया; बस अपने हिस्से का काम किया। और एक दिन इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनका जाना भी खामोशी की तहों में छिप गया। लेकिन, पहले भी उनका काम बोल रहा था और आज भी उनका काम बोल रहा है।  पी.वी. सतीश; पेरियापटना वेंकटसुब्बैया सतीश। आपकी पैदाइश सन् 1945 के जून महीने की है। जन्म, कर्नाटक के मैसूर जिले के खाते–पीते...

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पोषक अनाजों की खेती:- वर्तमान और भविष्य

पोषक अनाजों की अहमियत को समझते हुए भारत सरकार ने खाद्य और कृषि संगठन के सामने एक प्रस्ताव रखा था। नतीजन पूरी दुनिया, वर्ष 2023 को, अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मना रही है।भारत,दुनिया में पोषक अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादनकर्ता है। साल 2020 में विश्व के कुल उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 41 फीसदी के आस–पास थी। पढ़िए इस लेख में पोषक अनाजों पर विस्तार से; प्राचीन...

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ये चार शहर दिखाते हैं कि कम उत्सर्जन के साथ विकास कैसे किया जा सकता है

द थर्ड पोल, 28 फरवरी शहर ग्रीन हाउस उत्सर्जन के प्रमुख स्रोत हैं। दरअसल, विश्व स्तर पर ग्रीन हाउस गैसों के कुल उत्सर्जन में तकरीबन 60 फीसदी हिस्सेदारी शहरों की है। और जैसा कि हमें पता ही है कि हमारा वातावरण, इन्हीं ग्रीन हाउस गैसों के कारण गर्म हो रहा है। मौजूदा समय में, शहरी क्षेत्र, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति बेहद संवेदनशील हो चुके हैं। एशिया में यह स्थिति...

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