SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 786

गरीबी और असमानता

[inside] इंडिया में आर्थिक असमानता: “अरबपति राज” में ब्रिटिश राज से भी ज्यादा है असमानता - रिपोर्ट [/inside] इंडिया के भौगोलिक आकार और जनसंख्या, जो अब दुनिया में सबसे अधिक है, को देखते हुए इंडिया में आर्थिक विकास का वितरण विश्व की आर्थिक असमानता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। इसलिए इंडिया में आय और संपत्ति की असमानता को सटीक रूप से मापना अत्यधिक आवश्यक है। हाल ही में वर्ल्ड इनइक्वलिटी डाटाबेस ने...

More »

जेंडर

खास बात   साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38%  फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...

More »

क्या हम असल में हत्या की संस्कृति के विरुद्ध हैं या सिर्फ़ अपने लिए हत्या का अधिकार चाहते हैं

द वायर 5 जुलाई क्या हम असल में हत्या की संस्कृति के विरुद्ध हैं या सिर्फ़ अपने लिए हत्या का अधिकार चाहते हैं हत्या कब सिर्फ़ हत्या रहती है और कब नृशंस, बर्बर हो जाती है? क्यों गोली मार देना तो बर्दाश्त हो जाता है लेकिन गला काटना नहीं? गला काट देने में भी एक झटके से गर्दन उड़ा देना और गर्दन रेतकर मारना: इन दोनों में बहुत अंतर है. बोटी-बोटी काट...

More »

भोजन के लिए बच्ची को बेचने वाली फनस पुंजी से मिलने आए थे प्रधानमंत्री, लेकिन नहीं बदले हालात

-डाउन टू अर्थ, यह कहानी 27 जुलाई 1985 की दोपहर की उस बातचीत से शुरू होती है, जिसकी याद के साथ फनस पुंजी आज तक जी रही है। उनकी उम्र जैसे-जैसे बढ़ती जाती है, उस बातचीत की आवाजें उनके कानों में और गूंजने लगती हैं। अब वह 70 साल की हैं और 37 साल पहले की वह बातचीत उनकी इकलौती स्मृति है। जैसे कि उनके जीवन में उसके अलावा और कोई बात...

More »

महामारी के समय में बजट और राजनीति

-आइडियाज फॉर इंडिया, हाल ही में वर्ष 2022-23 के लिए घोषित बजट को राजनीतिक अर्थव्यवस्था के चश्मे से देखते हुए, यामिनी अय्यर तर्क देती हैं कि महामारी के दौरान घोषित किये गए दोनों बजटों में कल्याण से ज्यादा पूंजीगत व्यय पर दिया गया जोर "बाजार के अनुकूल सुधारों" की ओर राजनीतिक आख्यान में बदलाव का सिलसिला मात्र है जो 2019 में मोदी सरकार के फिर से चुने जाने के साथ शुरू...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close