-असली भारत, बदलते परिवेश में भी बागड़ी लौहार अपनी परंपरा और संस्कृति को सहेजे हुए हैं। लेकिन आज भी उनके पास रहने के लिए न तो जमीन का टुकड़ा है और न ही सिर पर छत दोपहर के करीबन दो बजे हैं, तेज धूप और धूल भरी गर्म हवा से बचने के लिए गुरजीत तीन बच्चों के साथ अपने झोपड़ीनुमा तम्बू में बैठे हैं। चार साल की लाड्डो मिट्टी के कच्चे फर्श...
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म्यांमार से मणिपुर आकर बसने वाले तमिल लोगों की कहानी
-बीबीसी, भारत के एक पूर्वोत्तर राज्य में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे क़स्बे में एक भव्य दक्षिण भारतीय मंदिर का दिख जाना किसी अचंभे से कम नहीं है. और यह जानकारी कि उस क़स्बे में क़रीब 3,000 तमिल समुदाय के लोग बसते हैं अपने आप में चौंकाने वाली बात है. ऐसा ही कुछ नज़ारा बीबीसी ने मणिपुर के सीमावर्ती क़स्बे मोरेह में देखा. यहाँ सुदूर तमिलनाडु से आए लोगों ने इस मणिपुरी क़स्बे...
More »देश में पोषण के हालात बदतर फिर भी पोषण से जुड़ी अहम कमेटियों ने नहीं की मीटिंग!
-न्यूजक्लिक, पोषण से जुड़ी भारत सरकार की तीन महत्वपूर्ण राष्ट्रीय स्तर की कमेटियां हैं। इन तीनों कमेटियों की जिम्मेदारी इतनी बड़ी है कि अगर यह काम न करें तो इसका मतलब है कि देशभर में पोषण की देखभाल करने वाला कोई माई बाप नहीं है। यह कमेटियां देशभर में पोषण से जुड़ी नीतियां बनाती हैं। इन नीतियों को लागू करने का काम करती हैं। राज्य से लेकर केंद्र शासित प्रदेश में...
More »कोरोना काल में बिगड़ी घुमन्तु समुदाय (Nomadic Tribe) की औरतों की स्थिति
-सबरंग, डॉ भीमराव अम्बेडकर के अनुसार “किसी भी समाज की प्रगति का आकलन उस समाज में महिलाओं की प्रगति के द्वारा किया जा सकता है” लेकिन आज भी भारतीय समाज में औरतों ख़ास कर घुमंतू समाज के औरतों की स्थिति दयनीय बनी हुई है. भारत सांस्कृतिक रूप से विविधता वाला देश है जिसमें विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक और आर्थिक पृष्ठभूमि वाले लोग रहते हैं. हर वर्ग में महिलाओं की स्थिति भिन्न तरीके से...
More »कोसी तटबंध तोड़ने का सच
-वाटर पोर्टल, यमुना प्रसाद मंडल, सांसद ने डलवा में तटबंध टूटने की समीक्षा करते हुये 4 सितम्बर 1963 को कहा था कि, डलवा के निकट जो खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो गई थी, उस ओर हमने अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट किया लेकिन मैं यह कहते हुए लज्जित हूं कि उस दुरावस्था की ओर उस समय कदम नहीं उठाया गया। तब नेताओं को अपनी असफलता पर शर्म आया करती थी। अरसा हुआ यह रस्म...
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